चंडीगढ़। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पर सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ डटे किसानों को अब 40 दिन पूरे हो चुके है। साथ ही किसान नेताओं और सरकार के बीच 8 दौर की वार्ता भी हो चुकी है। लेकिन ये सारी बैठकों में कोई भी नतीजा नहीं निकला है। जहां एक ओर किसान कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए है, वही दूसरी और सरकार इस बात पर डटी है की वो कृषि कानून वापस नहीं लेगी। इसी कड़ी में अब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का एक बड़ा बयान सामने आया है।
सीएम खट्टर ने कहा कि, अब तक सरकार और किसानों के बीच समाधान निकल गया होता, यदि तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करना ही एकमात्र मुद्दा होता। उन्होंने कहा कि, किसानों और सरकार के बीच लगातार बेनतीजा रहने वालीं बैठकों को देखकर यही समझ आता है कि मुद्दा सिर्फ कानून को वापस लेना नहीं है।
बता दें कि किसान और केंद्र सरकार के बीच अब अगले दौर की वार्ता 15 जनवरी को होगी। वही सीएम खट्टर ने कहा कि, सरकार अभी भी इस उम्मीद में है कि 9वें दौर की बातचीत में जरूर कोई समाधान निकल सकता है। दरअसल उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि अगर कानूनों को रद्द करना एकमात्र मुद्दा होता, तो बैठक में समाधान हो जाता, कई अन्य मुद्दों पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
वही मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि, केंद्र सरकार ने किसानों के सामने अपना पक्ष रख दिया है। सरकार ये साफ कर चुकी है कि सितंबर में लाया गया कृषि कानून रद्द नहीं किया जाएगा। वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि, किसानों के साथ हो रही बैठकों में कोई भी फैसला इसलिए नहीं लिया जा सकता, क्योंकि किसानों ने कानून को रद्द करने के अलावा और कोई विकल्प रखा ही नहीं है।