भोपाल : दिल्ली की सीमाओं पर केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ जारी किसानों का आंदोलन आज 19वें दन में प्रवेश कर चुका है. किसान संगठन सरकार के ख़िलाफ़ लगातार अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं. उनकी मांग है कि केंद्र सरकार इन कृषि कानूनों को वापस लें. जबकि सरकार ने इससे साफ इंकार कर दिया है.
किसान आंदोलन के बीच सियासी बयानबाजियों का दौर भी जारी है. इसी बीच मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने किसान आंदोलन और किसानों को लेकर बड़ा बयान दिया है. उनका कहना है कि, कृषि कानूनों का विरोध करने वाले संगठन कुकुरमुत्ते की तरह उग आए हैं. कमल पटेल ने इस आंदोलन पर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि, ‘ये किसान संगठन ‘कुकुरमु्त्तों’ की तरह उग आए हैं. ये किसान नहीं हैं, बल्कि व्हीलर डीलर (राजनीतिक और वाणिज्यिक गतिविधियों में संलग्न रहने वाले) और एंटी नेशनल हैं.’
सोमवार को कृषि मंत्री कमल पटेल धार्मिक नगरी उज्जैन में थे. इस दौरान उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस की. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के किसानों से संवाद कार्यक्रम के तहत उज्जैन में एक प्रेस कांफ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने पंजाब और हरियाणा के किसानों और किसान संगठनों पर हमला बोला. बता दें कि भाजपा ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के बारे में किसानों को बताने के लिए देशभर में एक मुहिम चलाई है. इसके अंतर्गत पार्टी के नेता ये बता रहे हैं कि किस तरह ये कानून मोदी सरकार द्वारा उनके हितों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है. उन्हें कृषि कानूनों के फायदों से अवगत कराया जा रहा है.
इसी बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का भी बड़ा बयान सामने आया है. उनका कहना है कि वे किसानों से क्लॉज बाई क्लॉज चर्चा के लिए तैयार है. तोमर ने कहा कि, ‘हमने किसानों को अपना लिखित प्रस्ताव भेजा है और हम अगले दौर की बात के लिए उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं. ये तीनों विधेयक किसानों के कल्याण के लिए हैं.’
आपको बता दें कि किसानों और सरकार के बीच अब तक कुल 6 बार किसानों के मुद्दे को लेकर चर्चा हो चुकी है. हालांकि किसी भी दौर की बातचीत में कोई हल नहीं निकल सका है. बता दें कि पंजाब और हरियाणा के किसान हजारों की मात्रा में 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन जारी है.