आईएसआईएस और अल-कायदा जैसे खतरनाक आतंकी संगठन कोरोना वायरस को अपना नया हथियार बनाने की फिराक में हैं। यूनाइटेड स्टेट्स (संयुक्त राष्ट्र) ने अपनी एक रिपोर्ट्स जारी करते हुए इस बात का खुलासा किया कि ये संगठन आतंकियों को जैविक हथियारों का प्रयोग करने के लिए आतंकियों को उकसा रहे है। और रिपोर्ट में प्राप्त जानकारी के अनुसार यह बात भी सामने आई है कि ये खूंखार आतंकी संगठन कोरोना वायरस को लेकर समाज में झूठी व मनगढ़ंत कहानियां फैला रहे हैं।
यूएन की रिपोर्ट में बतया गया कि यह संगठन अल्लाह का नाम लेकर झूटी बातें एवं झूटी थ्योरी फैला रहे हैं संगठन अफवाह फैलते हुए कह रहे है कि यह वायरस दरअसल में ‘काफिरों को सजा’ देने के लिए और ‘पश्चिम पर अल्लाह का कहर’ है। इसके साथ ही वो आतंकियों को जैविक हथियारों का इस्तेमाल करने के लिए उकसा रहे हैं।
सोशल मीडिया का ले रहे सहारा
इस रिपोर्ट में कहा गया कि यह आतंकी संगठन इस कोरोना महामारी और अपना अपराधी संगठन बढ़ने के लिए सोशल मीडिया का प्रयोग कर रहे है। अपना नेटवर्क खड़ा करने के लिए वो सोशल मीडिया पर लोगों में सरकार के प्रति अविश्वास की भावना भरना चाहते हैं। रिपोर्ट में यह भी बतया गया कि आतंकी संगठन अपनी मनगढ़ंत कहानियों को फैलाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं
कोरोना वायरस को लेकर फतवे
ग्लोबल फतवा इंडेक्स ने बताया कि अगर कोई आईएसआईएस आतंकी कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाता है, तो उसे एक ‘जैविक बम’ की तरह काम करना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा लोगों में यह बीमारी फैलानी चाहिए।