हिंदू कैलेंडर के अनुसार सावन का पांचवा महीना भगवान शिव को समर्पित है. हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है. इस पूरे माह भोलेनाथ की विधिवत्त पूजा-अर्चना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और संकटों का नाश होता है. भोलेनाथ की कृपा से भक्तों की जीवन से सभी दोषों का नाश होता है और व्यक्ति आपना जीवन सुखमय व्यतीत करता है.सावन में आने वाले हर दिन और तिथि का महत्व है. सावन में आने वाले सोमवार और मंगलवार का को विशेष महत्व है ही. साथ ही, सावन के शनिवार का भी विशेष महत्व बताया जाता है. शनिदेव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए सावन का शनिवार बेहद खास है.
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सावन के दूसरे शनिवार के दिन खास योग होने से कुछ राशियों के लिए ये बहुत खास है.शनि की महादशा, साढ़े साती और ढैय्या झेल रही राशियों को सावन के दूसरे शनिवार के दिन कुछ खास उपाय करने की सलाह दी जाती है. ऐसे करने से शनि के अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता है. बता दें कि मकर, कुंभ, धनु, तुला और मिथुन राशि के जातक इस समय शनि के अशुभ प्रभाव झेल रहे हैं. इस कारण उन्हें शारीरिक, मानसिक और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि सावन में शनिदेव की पूजा करने से अशुभ प्रभावों को खत्म किया जा सकता है.अभी शनि गोचर से कुल 5 राशियों शनि साढ़े साती और ढैय्या की चपेट में आ गई हैं. ऐसे में शनि के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए शनिदेव को सरसों के तेल से अभिषेक करें. सरसों के तेल का दान करें. इस दिन गलती से भी लोहा और लोहे से बनी चीजों न खरीदें. मान्यता है कि इस दिन लोहे से बनी चीजों का दान शुभ होता है. शनिवार के दिन शनि चालीसा का पाठ करें. साथ ही, पीपल के पेड़ के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं.