कोरोना महामारी के बीच दिल्ली वालों के लिए प्रदूषण अब जानलेवा साबित होने लगा है। जी हां, आपको बता दे कि दिल्ली में प्रदूषण के कारण एक बार फिर सूखी खांसी की शिकायत देखने को मिल रही है। जो कि स्थानीय डॉक्टरों के लिए एक मुश्किल घड़ी से कम नहीं है क्योंकि यह जान पाना उनके लिए मुश्किल साबित हो रहा है कि खांसी कोविड-19 की वजह से है या प्रदूषण की।
डॉक्टरों से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली में प्रदूषण का स्तर जिस तरह का हो गया है उसे देखने के बाद हम ये कह सकते हैं कि दिल्ली के लोग हर दिन 30 सिगरेट जितना धुआं बिना सिगरेट पिए अपने शरीर के अंदर खींच रहे हैं। ऐसे समय में घर के अंदर ही रहना ही एक मात्र उपाय है। नायर ने कहा कि त्योहार का सीजन जरूर है लेकिन हालात को देखते हुए घर के अंदर रहने में ही भलाई है।
ये AQI का पैमाना
उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से दिल्ली समेत नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, गुड़गांव और फरीदाबाद में वायु प्रदूषण ने लोगों को जीना मुश्किल कर दिया है।