प्रतिवर्ष आषाढ़ मास की कृष्णपक्ष की एकादशी (Ekadashi) को किए जाने वाला योगिनी एकादशी व्रत इस वर्ष 24 जून शुक्रवार को किया जाएगा। भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की आराधना एवं पूजन के लिए योगिनी एकादशी का व्रत किया जाता है। मान्यता है कि पवित्र मन व सदाचार से इस व्रत को करने से सकल मनोरथ की प्राप्ति होती है, रिद्धि-सिद्धि व ऐश्वर्य में वृद्धि होती है साथ ही सभी रोग, दोष का नाश होता है ।
व्रत में इन नियमों का का करें पालन
योगिनी एकादशी के व्रत का फल केवल पूर्ण सात्विकता से व्रत को करने से ही प्राप्त हो सकता है। असत्य बोलना ,माँस मदिरा का सेवन , तामसिक भोजन ग्रहण करना , व्यभिचार अपने से बड़ों का अपमान करना , अपनी वाणी एवं कर्म के माध्यम से किसी के ह्रदय को ठेस पहुंचाना आदि दुर्गुण इस व्रत के अंतर्गत पूर्णतः वर्जित है।
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करें केवल फलाहार
दशमी को सूर्यास्त से पूर्व भोजन कर लें। योगिनी एकादशी के दिन केवल जल और फलाहार का ही सेवन करें। इसके लिए आप एक समय फलाहार या दोनों समय थोड़ा-थोड़ा फलाहार कर सकते हैं ,साथ ही आवश्यकता अनुसार जल का भी सेवन आप इस पवित्र व्रत के दौरान कर सकते हैं। द्वादशी को स्नान व पूजन के बाद ही सात्विक अन्न-भोजन लें। दशमी की रात्रि से प्रारम्भ हुआ यह व्रत द्वादशी की सुबह को पूजन आराधना के बाद सम्पन्नं होता है।
डिस्क्रिप्शन – जानिए कब है योगिनी एकादशी ,क्या हैं व्रत से जुड़े नियम , क्या फल प्राप्त होते हैं सदाचार से व्रत को करने से