सामान्यतः बहुत ही विकट परिस्थितियों में ही आमजन के द्वारा बैंक से लोन लिया जाता है, जिसे वह चुकाना भी चाहता है। कई किश्तें चुकाने के बाद भी कई बार ऐसी स्थिति निर्मित होती है कि जिससे लोन चुकाने में मुश्किलें आने लगती हैं और बकाया किश्तें बकाया ही रह जाती हैं। इसके बाद शुरू होता है बैंक के लोन रिकवरी एजेंट्स का दख़ल, जोकि धमकी और गाली-गलौज सहित कई प्रकार से दुर्व्यवहार लोन डिफाल्टरों के साथ करते हैं, कई बार बलपूर्वक व हिंसात्मक तरीके से भी लोन की वसूली की घटनाएं देखी जाती रही हैं।
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रिज़र्व बैंक के गवर्नर हुए सख़्त, उठाए जा सकते हैं कड़े कदम उठाने
रिकवरी एजेंन्ट्स के द्वारा लोन डिफाल्टरों और बक़ायादारों से दुर्व्यवहारों के मामले में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भरोसा दिलाया है कि अब इसप्रकार के दुर्व्यवहार सहन नहीं किए जाएंगे। सेंट्रल बैंक दिखा सकता है गम्भीरता , उठाए जा सकते हैं कड़े कदम।
लोन वसूली को लेकर RBI की है गाइडलाइन
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लोन की वसूली के लिए किसी प्रकार की प्रताड़ना , बलपूर्वक वसूली , हिंसात्मक गतिविधि , धमकी , गाली गलौज RBI की गाइडलाइन में उत्पीड़न माना गया है। सुबह 9 बजे के पहले और शाम 6 बजे के बाद फोन करना या बार-बार फोन करना भी गाइडलाइन में प्रताड़ना बताया गया है। घर या कार्यस्थल पर जाकर धमकाना या अभद्रता करना भी गाइडलाइन में वर्जित है। इन स्थितियों में ग्राहक पुलिस में शिकायत भी कर सकता है साथ ही वकील के माध्यम से अदालत की शरण भी ले सकता है।