हर्ष और उल्लास तथा विजय का पर्व दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का सबसे बड़ा प्रतीक माना जाता है। इस साल अधिकमास के चलते सभी त्यौहार देरी से आ रहे है इसलिए दशहरा भी इस साल लेट मनाया जाएगा। जैसा की आपको पता है दशहरा दीवाली से ठीक 20 दिन पहले आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस त्यौहार का हिन्दू धर्म में सबसे अधिक माना गया है। क्योंकि श्री राम ने अपने हाथों से इस दिन रावण का वध किया था। उनके वध के बाद से ही इस त्यौहार को बड़ी ही धूम धाम से मनाया जाता है। आपको बता दे, इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार भी किया था, इसलिए भी इसे विजय दशमी के रूप में मनाया जाता है।
इस साल ये त्यौहार अक्टूबर की 25 तारीख को मनाया जाएगा। दरअसल, पितृपक्ष के बाद अधिकमास लगने की वजह से इस साल नवरात्र, दशहरा और सभी एक महीने देर से आएंगे। इस साल नवरात्रि 17 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक मनाई जाएगी। जिसके ठीक अगले दिन पूरे देश में दशहरे का पर्व मनाया जाएगा। उसके बाद ठीक 20 दिन बाद दिवाली का त्यौहार मनाया जाएगा। वैसे तो इस साल सभी को अपने अपने घर में ही रहकर इस त्यौहार को सेलिब्रेट करना होगा क्योंकि कोरोना वायरस ने देश भर ही नहीं बल्कि दुनियाभर में अपना कहर मचाया हुआ है। इसकी वजह से अब तक कई लोगों की जान जा चुकी हैं। चलिए जानते है दशहरे का शुभ मुहूर्त –
दशहरा का शुभ मुहूर्त –
विजय दशमी 25 अक्टूबर को 7 बजकर 41 मिनट से 26 अक्टूबर को 8 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। वहीं इस बीच 01 बजकर 55 मिनट से 02 बजकर 40 तक विजय मुहूर्त रहेगा। जबकि 01 बजकर 11 मिनट से 03 बजकर 24 मिनट तक अपराह्न पूजा का समय रहेगा।
पूजा के फायदे –
आपको बता दे, इस दिन महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा और भगवान राम की पूजा करनी चाहिए। दरअसल, इससे सम्पूर्ण बाधाओं का नाश होगा और जीवन में विजय प्राप्त होगी। साथ ही इस दिन अस्त्र-शस्त्र की पूजा करना बड़ा फायदेमंद होता है। क्योंकि नवग्रहों को नियंत्रित करने के लिए भी दशहरे की पूजा अद्भुत होती है।