21 मार्च 2022 विश्व कविता दिवस के मौके पर सोमवार को मशहूर अभिनेता और कवि पीयूष मिश्रा ने देश के पहले बहुभाषी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Koo App पर #JantaKiKavita (जनता की कविता) नामक एक अभियान का शुभारंभ किया। इस अभियान के अंतर्गत पीयूष मिश्रा ने दो पंक्तियों के साथ एक कविता की शुरुआत की और यूजर्स के साथ Koo पर मौजूद कवियों को इसमें और पंक्तियों को जोड़कर एक शानदार कविता बनाने के लिए आमंत्रित किया। 19 मार्च को “#JantaKiKavita” हैशटैग के तहत लॉन्च किए गए इस अभियान का उद्देश्य अधिक से अधिक यूजर्स के साथ जुड़कर विचारों का एक लंबा सिलसिला बनाना है।
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एक लेखक, कवि, गीतकार, गायक, संगीतकार के रूप में पहचाने जाने वाले पीयूष मिश्रा ने अपने आधिकारिक हैंडल से एक कू पोस्ट करके अभियान की शुरुआत की, “बिना शक्कर की थी चाय मेरी, तुमने मुस्कुरा भर दिया, तो मीठी हो गई, इस कविता को आगे बढ़ाने के लिए मैं आमंत्रित करना चाहूंगा @shambhushikhar @anamikaamber और कू पर जुड़े सभी कवि और कवयित्रियों को। कल विश्व कविता दिवस पर Koo ने की है सबसे बड़ी कविता लिखने की पहल। इस कविता में अपनी पंक्तियां जोड़िए और आगे लोगों को टैग करते जाइए #JantaKiKavita के साथ।”
दरअसल, कू ऐप पर ‘कविता’ सबसे अधिक पसंदीदा कम्यूनिटीज में से एक है, जिसमें कवियों का एक विशाल समूह है जो हिंदी भाषा में लिखते और कू करते हैं। इस अभियान का उद्देश्य रचनात्मक लोगों और युवा कवियों को शानदार कविता के साथ आने के लिए प्रोत्साहित करना है।
इस अभियान के अतंर्गत पहले ही विशेष रूप से उन क्षेत्रीय कवियों के बीच एक बड़ी सफलता देखने को मिली है जो विभिन्न रुचियों वाले विषयों पर अपनी मूल भाषाओं में खुद को व्यक्त करना जारी रखते हैं। कू की इस पहल में प्रवीण डबास, रागिनी खन्ना और सौंदर्या शर्मा जैसे बॉलीवुड के अन्य सितारों की भी भागीदारी देखी गई, जिन्होंने उत्साहपूर्वक इसका समर्थन किया और मंच पर अपनी कविताओं को साझा किया।
‘कू’ भारत का एकमात्र बहुभाषी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म है, जो यूजर्स को उनकी पसंद की भाषा में अपने विचार व्यक्त करने में सक्षम बनाता है। यह मंच क्षेत्रीय कलाकारों, कवियों, राजनेताओं और लेखकों को बढ़ावा देने में बहुत गर्व महसूस करता है, जिन्हें अन्य सोशल मीडिया मंचों पर उनका हक नहीं मिला है। “कू” उन लोगों को एक मंच देकर भारत के व्यापक लोकाचार और भाषाई विविधता का उदाहरण भी देता है जो अपनी मूल भाषाओं में अपने विचार व्यक्त करना और बोलना पसंद करते हैं।
कू (Koo) के बारे में –
Koo App की लॉन्चिंग मार्च 2020 में भारतीय भाषाओं के एक बहुभाषी, माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के रूप में की गई थी, ताकि भारतीयों को अपनी मातृभाषा में अभिव्यक्ति करने में सक्षम किया जा सके। भारतीय भाषाओं में अभिव्यक्ति के लिए एक अनोखे मंच के रूप में Koo App भारतीयों को हिंदी, मराठी, गुजराती, पंजाबी, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, असमिया, बंगाली और अंग्रेजी समेत 10 भाषाओं में खुद को ऑनलाइन मुखर बनाने में सक्षम बनाता है। भारत में, जहां 10% से अधिक लोग अंग्रेजी में बातचीत नहीं करते हैं, Koo App भारतीयों को अपनी पसंद की भाषा में विचारों को साझा करने और स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्ति के लिए सशक्त बनाकर उनकी आवाज को लोकतांत्रिक बनाता है। मंच की एक अद्भुत विशेषता अनुवाद की है जो मूल टेक्स्ट से जुड़े संदर्भ और भाव को बनाए रखते हुए यूजर्स को रीयल टाइम में कई भाषाओं में अनुवाद कर अपना संदेश भेजने में सक्षम बनाती है, जो यूजर्स की पहुंच को बढ़ाता है और प्लेटफ़ॉर्म पर सक्रियता तेज़ करता है। प्लेटफॉर्म 2 करोड़ डाउनलोड का मील का पत्थर छू चुका है और राजनीति, खेल, मीडिया, मनोरंजन, आध्यात्मिकता, कला और संस्कृति के मशहूर लोग द्वारा अपनी मूल भाषा में दर्शकों से जुड़ने के लिए सक्रिय रूप से मंच का लाभ उठाते हैं।