मक्का में 90 भारतीय हज यात्रियों की मौत, क्या भारत आएंगे शव, कैसे होगी शवों की पहचान?

srashti
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सऊदी अरब के मक्का में हज यात्रियों की मौत का आंकड़ा 900 तक पहुँच गया हैं। मृतकों में 90 भारतीय भी शामिल हैं। अधिकतर मौतें मिस्र के तीर्थयात्रियों की होती हैं। मक्का में मिस्र के 300 से अधिक और जॉर्डन के 60 तीर्थयात्रियों की मृत्यु हो गई है। मौत का कारण गर्मी बताया जा रहा है। यहां तापमान 52 डिग्री तक पहुंचने के बाद यह स्थिति बनी। हालांकि, स्थिति बिगड़ने का एक बड़ा कारण बिना रजिस्ट्रेशन के हज यात्रियों का आना भी बताया जा रहा है।

अब सवाल यह है कि क्या मक्का में भारतीय हज यात्रियों की मौत के बाद उनके शव भारत लाए जाएंगे? मक्का में इसकी पुष्टि कैसे की जाती है कि मृत हज यात्री किस देश का निवासी है?

क्या तीर्थयात्रियों के शव भारत आएंगे?

इस सवाल का जवाब देते हुए दिल्ली हज कमेटी के अध्यक्ष कौसर जहां ने टीवी9 से कहा कि मक्का में मरने वाले भारतीय हज यात्रियों को भारत नहीं लाया जाएगा। उनका अंतिम संस्कार वहीं होगा। इस पूरी प्रक्रिया के लिए सहमति पत्र उनके साथ-साथ परिवार के सदस्यों से भी भरा जाएगा। इसके बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

यह पूछे जाने पर कि शव को भारत क्यों नहीं लाया जाएगा, वह कहती हैं, मक्का सबसे पवित्र स्थान है। मक्का-मदीना को लेकर मुस्लिम समुदाय में मान्यता है कि यहां की मिट्टी में दफन होना उनके लिए सौभाग्य की बात है। जब बहुत से लोग हज पर जाते हैं तो उनकी ख्वाहिश होती है कि अगर उनकी मौत हो तो हज के दौरान ही हो, ताकि मरने के बाद उनकी आत्मा को शांति मिले।

क्या कोई उनके अंतिम संस्कार में शामिल होगा?

दिल्ली हज कमेटी के उप कार्यकारी अधिकारी मोहसिन अली का कहना है कि हज यात्री की मृत्यु के बाद उसके साथ आए परिवार के सदस्यों को मक्का में ही मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। जब तक हज यात्रियों की मृत्यु के बाद उनके परिजन वहां पहुंचते हैं, तब तक हज कमेटी के पास उन्हें वहां भेजने का कोई प्रावधान नहीं है। ये उनका निजी फैसला है। इसके लिए उन्हें अपनी व्यवस्था स्वयं करनी होगी।

हमें कैसे पता चलेगा कि कौन सा तीर्थयात्री किस देश का है?

मोहसिन अली का कहना है कि हज यात्री अपने देश के कार्ड लेकर चलते हैं। उन्हें सऊदी अरब द्वारा कार्ड जारी किए जाते हैं, जिन्हें वे यात्रा के दौरान गले में पहनते हैं। इसके अलावा उन्हें एक कंगन (कड़ा) दिया जाता है, जिसे वे हाथों में पहनती हैं। इसमें उनसे जुड़ी जानकारी है। किसी भी आपातकालीन स्थिति में उनके कार्ड या ब्रेसलेट से उनके नाम और देश की जानकारी मिल जाती है।