दस साल पहले बनाए गए बीआरटीएस को सरकार ने हटाने का निर्णय लिया है। बस लेन के क्षेत्र में ब्रिज बनाए जाएंगे, लेकिन इससे पहले मोटर व्हीकल लेन को चौड़ा किया जाएगा, ताकि निर्माण कार्य के दौरान ट्रैफिक में कोई रुकावट न आए। एलआईजी से गीताभवन तक के हिस्से की चौड़ाई 30 मीटर से बढ़ाकर 60 मीटर की जाएगी। इस योजना के लिए नगर निगम ने सर्वे कार्य भी शुरू कर दिया है।
इंदौर में दस साल पहले 300 करोड़ रुपये की लागत से जब बीआरटीएस का निर्माण किया गया था, तब इसमें पैदल यात्रियों से लेकर वाहन चालकों तक सभी की जरूरतों का ध्यान रखा गया था। बीच में बस लेन थी और दोनों ओर मोटर व्हीकल लेन बनाए गए थे। इसके बाद सर्विस रोड, साइकल ट्रेक और फुटपाथ भी बनाए गए थे। हालांकि, साइकल ट्रेक और फुटपाथ पर अक्सर वाहन पार्क हो जाते हैं, इसलिए अब इन्हें भी मोटर व्हीकल लेन में शामिल करने की योजना बनाई गई है।
विशेष कार्य के लिए चल रहा है सर्वेक्षण
कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि जनप्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में बीआरटीएस की चौड़ाई को लेकर चर्चा की गई थी। बीआरटीएस के दोनों ओर जो नए निर्माण हुए हैं, वे सैडबेक की जमीन छोड़कर किए गए हैं। वहां कुछ अस्थाई निर्माण हैं, जिन्हें हटाकर सड़क की चौड़ाई बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा, सरकारी भूमियों का भी उपयोग इस कार्य के लिए किया जा सकता है। इस समय नगर निगम द्वारा इस संबंध में सर्वेक्षण कराया जा रहा है।
शहर में बन रहे दो नए ब्रिज, यातायात को मिलेगा फायदा
बीआरटीएस पर भंवरकुआ चौराहे पर एक ब्रिज का निर्माण पूरा हो चुका है। इसके अतिरिक्त, निरंजनपुर चौराहा और सत्यसाईं चौराहा पर ब्रिज निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है। भविष्य में, बस लेन को हटाकर अन्य चौराहों पर भी ब्रिज बनाए जाने हैं। इसी वजह से सरकार बीआरटीएस को इंदौर से खत्म करने की योजना बना रही है, और मुख्यमंत्री मोहन यादव इस संबंध में घोषणा भी कर चुके हैं।