चीन से नजदीकी नेपाल को पड़ी भारी, कब्जे की तैयारी में ड्रेगन

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By Mohit DevkarPublished On: August 24, 2020
china president shin jin ping

नई दिल्ली। नेपाल और चीन के बीच बढ़ती नजदीकियों के साइड इफैक्ट अब नेपाल के सामने आ रहे हैं। विदेशी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बीजिंग की नेपाल सरकार के सुप्रीम नेताओं से बढ़ती नजदीकियों से अब हिमालय क्षेत्र के इस देश की स्वतंत्र निर्णय लेने की क्षमता और स्वायत्तता पर गंभीर संदेह खड़े हो गए हैं।

अब यह तो सभी जानते हैं कि चीन अपने आस पास के देशों को खुद में मिलाने की नीति पर कार्यरत रहता है। चीन की नीति है कि वो आर्थिक रूप से कमजोर देशों के नेताओं को भ्रष्ट करता है। इसी प्रकार चीन के निशाने पर अब नेपाल है।

चीन से नजदीकी नेपाल को पड़ी भारी, कब्जे की तैयारी में ड्रेगन

नेपाल ने अपनी विदेश नीति एकदम पलट दी है। वहीं चीन अब नेपाल के अधिकारियों को भी अच्छे ऑफर का लालच देकर अपनी कंपनियों में जगह दिलवाने की कोशिश कर रहा है। इसके साथ ही नेपाल में रह रहे तिब्बत के शरणार्थियों के मानवाधिकारों की हालत खराब होती जा रही है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक करीब 20,000 तिब्बती शरणार्थी नेपाल में रहते हैं जिनमें से बहुत सारे उस वक्त नेपाल आए थे, जब तिब्बत पर चीनी कब्जे के बाद दलाई लामा ने 1959 में भारत में शरण ली थी।