नई दिल्ली। हर इंसान के जीवन में समय सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है, जो इसका इस्तेमाल सही तरीके से कर लेता है वह जीवन में हमेशा ऊंचाइयों को छूता है और सफल होता है। लेकिन जो समय के साथ नहीं चलता और समय की इंपोर्टेंस को नहीं समझता वह समय के साथ पीछे चला जाता है। आज सुबह उठना से लेकर रात में सोने तक हर सेकंड व्यक्ति घड़ी को जरूर याद करता है।
आज के समय में हर चीज समय के अनुसार चलती है। सुबह उठना से लेकर रात के सोने तक फिल्म, स्कूल, कॉलेज सब कुछ आज समय के अनुसार ही चलते हैं। जिसे घड़ी के माध्यम से लोग देखते हैं। लेकिन आपने कभी ध्यान दिया है घड़ी में तीन कांटे होते हैं सबसे पतला वाला कांटा सेकंड को दर्शाता है जो कि हमेशा चलता हुआ नजर आता है।
लेकिन घंटे को दिखाने वाला कांटा मैंने को दिखाने वाले कांटे से छोटा होता है। घर की दीवारों पर लगने वाली घड़ी में ऐसे ही काटे देखने को मिलते हैं तो चलो आपको बताते हैं कि मिनट का कांटा घंटे के कांटे से बड़ा क्यों होता है। दरअसल, विशेषज्ञों के अनुसार यदि दोनों सुई को एक साइज का रखा जाएगा तो लोगों को समय देखने में काफी परेशानी आएगी।
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इस वजह से ही दोनों सुई में अंतर रखा जाता है ताकि लोगों को आसानी से घंटे और मिनट में फर्क समझ में आ जाए। एक रीजन यह भी बताया जाता है कि मिनट की सुई चलती रहती है और लोगों को एक-एक मिनट अच्छे से दर्शाती है। ऐसे में उसका साइज बड़ा रहता है, वहीं घंटे की सुई छोटी रहती है जो बहुत धीरे-धीरे आगे बढ़ती है ऐसे में उसे छोटा रखा जाता है।