मणिपुर में कब सुधरेंगे हालात? स्कूल और कॉलेज अनिश्चितकाल के लिए बंद

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मणिपुर में पिछले एक साल से अधिक समय से मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसक झड़पों का दौर जारी है। जातीय तनाव ने राज्य को गहरे संकट में डाल दिया है, जिसमें अब तक सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं। हाल ही में स्थिति और खराब हो गई, जिसके बाद सरकार ने बड़े फैसले लिए हैं।

कर्फ्यू वाले इलाकों में स्कूल-कॉलेज अनिश्चितकाल के लिए बंद

मणिपुर सरकार ने कर्फ्यू वाले इलाकों में शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का आदेश जारी किया है। 27 नवंबर से इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, बिष्णुपुर, थौबल, काकचिंग और जिरीबाम जिलों में सभी स्कूल और कॉलेज अगले आदेश तक बंद रहेंगे। यह निर्णय राज्य में बिगड़ते हालात और हिंसा के मद्देनजर लिया गया है।

पुरानी घटनाओं का असर

16 नवंबर को मणिपुर और असम में जिरी और बराक नदियों के पास तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव मिलने के बाद से ही इन इलाकों में स्कूल और कॉलेज बंद थे। शिक्षा निदेशालय ने इसे लेकर आदेश जारी करते हुए कहा कि घाटी जिलों में सभी सरकारी, निजी और केंद्रीय स्कूल अगले आदेश तक बंद रहेंगे।

कोकोमी का प्रदर्शन और सरकार पर दबाव

इंफाल घाटी में नागरिक समाज संगठन कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑन मणिपुर इंटिग्रिटी (कोकोमी) ने राज्य और केंद्र सरकार के कार्यालयों को दो दिनों तक बंद रखने का ऐलान किया है। कोकोमी की मांग है कि राज्य से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफ्स्पा) को हटाया जाए और कुकी उग्रवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

धरना और रैलियों पर रोक

सरकार ने कर्फ्यू वाले इलाकों में सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक जरूरी वस्तुओं और दवाओं की खरीदारी के लिए कर्फ्यू में ढील दी है। हालांकि, इस दौरान भी बिना अनुमति के धरना, रैली और सभा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

हिंसा भड़कने के पीछे की वजह

11 नवंबर को सुरक्षा बलों और कुकी समुदाय के संदिग्ध उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ में 10 उग्रवादियों की मौत हुई थी। इसके बाद से ही हिंसा भड़कने लगी। राहत शिविर से मैतेई समुदाय की तीन महिलाएं और बच्चे लापता हो गए थे, जिनके शव बाद में नदियों के पास पाए गए। इन घटनाओं ने राज्य में तनाव को और बढ़ा दिया। मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा की शुरुआत पिछले साल मई में हुई थी। भूमि, पहचान, और आरक्षण से जुड़े मुद्दों पर शुरू हुआ यह विवाद अब गंभीर संघर्ष का रूप ले चुका है। अब तक सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है, और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।

मणिपुर में हालात सामान्य होने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है, और सरकार एवं सुरक्षा बलों को शांति बहाल करने के लिए बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।