फ्राइड आइटम में खराब तेल और घी के इस्तेमाल से बेड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम हो जाती हैं, डॉ. मनोज बंसल कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल

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इंदौर: जब हम बाहर से फ्राइड फूड आइटम मंगवाते हैं उनमें अच्छी क्वालिटी के बजाय खराब तेल और घी की मात्रा ज्यादा होती है। कई बार हाईड्रोजिनेटेड ऑयल को केमिकल प्रोसेस से घी बना दिया जाता है यह हमारे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा देता हैं। वहीं बार बार इस्तेमाल किया जाने वाले ऑयल में बने सेव, नमकीन और अन्य फ्राय आइटम भी हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं अगर सेव का एक दाना किताब पर गिर जाए तो 50 पन्नों तक उसका दाग छूट जाता है। इस बात से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि हम दिन भर में कितना ऑयल लेते हैं। वहीं अच्छी क्वालिटी का तेल घी नहीं खाने से हमारा बेड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और हमारे गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम हो जाती हैं। यह बात डॉ. मनोज बंसल ने अपने साक्षात्कार के दौरान कही। वह शहर के प्रतिष्ठित कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल में ह्रदय रोग विशेषज्ञ के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

सवाल. क्या हमारी बदलती लाइफ स्टाइल हार्ट संबधित समस्या के लिए जिम्मेदार हैं
जवाब. हृदय रोग एक लाइफ स्टाइल डिजीज है। आज के दौर में शारीरिक श्रम कम हो गया है।वहीं बदलते खान पान और लाइफ स्टाइल ने कई बीमारियों को जन्म दिया हैं।लोगों में शुगर और बीपी के मामले सामने आते हैं। वहीं कई लोगों को इसके बारे में जानकारी ही नहीं है या खुद से कभी यह नहीं सोचते है कि इन बीमारियों का जाकर टेस्ट करवाने चाहिए। इसी के साथ साथ खाने में ज्यादा या खराब ऑयल के इस्तेमाल से खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ता जा रहा है जिस वजह से ह्रदय रोग की संभावना बढ़ जाती है।

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सवाल. बढ़ती हार्ट समस्या और बिगड़ते स्वास्थ्य से कैसे निपटा जाए
जवाब. आज के दौर में हमारी लाइफ स्टाइल काफी फास्ट हो गई है। हमारे पास खेलने और व्यायाम के लिए समय नही बचा है। एक स्वस्थ स्वास्थ्य और स्वस्थ हार्ट के लिए इंसान को रोजाना लगभग 45 मिनिट चलना चाहिए, कई बार लोग कह देते हैं कि हम तो दिन भर चलते हैं। इस चलने और नॉर्मल चलने में फर्क होता है। अगर आप एक बार चलना शुरू करें तो सतत 45 मिनिट के लिए चलते रहें। हमारा देश योग प्राणायाम का जनक हैं, और हमसे ज्यादा फॉरेन कंट्री के लोग इसे कर रहे हैं। हमें अपने स्वास्थ्य के लिए इन एक्टिविटी पर ध्यान देना होगा जिससे बेहतर स्वास्थ्य के साथ साथ तनाव में मुक्ति मिलेगी।

सवाल. बेहतर हार्ट और बेहतर स्वास्थ्य के लिए क्या करें
जवाब. अंतराष्ट्रीय मापदंड के अनुसार ज्यादा चलना हमारे जीवन को लंबा और स्वास्थ्य को बेहतर करने में मदद करता है। वॉकिंग शुगर लेवल, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेसर जैसी समस्या में फायदा देती है। वहीं वॉकिंग के साथ साथ दूसरी एक्टिविटी करने से शरीर हमारे जमा फेट को ईंधन के रूप में इस्तेमाल कर लेता हैं। जिससे मोटापा घटता है और कई बीमारायों को ठीक करने में मदद मिलती है।

सवाल. क्या कॉविड की वजह से हार्ट समस्या बढ़ी हैं
जवाब. अगर किसी व्यक्ति को कॉविड हुआ है तो उन व्यक्तियों में हार्ट संबधित समस्या बढ़ जाती है। शरीर के अंदर एक इन्फ्लेमेशन की अवस्था होती है जिससे क्लोटिन की तासीर बढ़ जाती है। इस वजह से हार्ट की तरफ जाने वाले ब्लड की नालियों में क्लॉट बढ़ने से हार्ट अटैक के चांस बढ़ जाते हैं। लेकिन मेडिकल ट्रिटमेंट के बाद इस तरह की समस्या को खत्म किया जा सकता हैं।

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सवाल. क्या महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले हार्ट संबधित समस्या कम होती हैं।
जवाब. वेस्टर्न वर्ल्ड के मुकाबले हमारे देश में हार्ट अटैक 10 वर्ष पहले आता है। वहीं अगर बात युवाओं की करी जाए तो पीछले दशक के मुकाबले अब यह मामले देखने को मिल रहे हैं।महिलाओं में पीरियड्स के दौरान निकलने वाले एस्ट्रोजन हार्मोन हार्ट संबधित समस्या से बचाता है। वहीं यह खत्म होने पर उनका रिस्क भी सामान्य व्यक्तियों की तरह बढ़ जाता है। पुरुषों में हार्ट संबधित समयसा होने पर छाती में भारीपन, दर्द जैसी समस्या सामने आती है। वहीं महिलाओं में इन लक्षणों के साथ घबराहट, सांस फूलना जैसे लक्षण भी हार्ट समस्या के परिचायक होते हैं।

सवाल. क्या यह समस्या जेनेटिक होती है
जवाब. कुछ लोगों में हार्ट संबधित बीमारी जेनेटिक पाई जाती है। वह हर चीज का ध्यान रखते है उसके बावजूद एलडीएल और ट्रायग्लिसिस बढ़ा हुआ आता है। ऐसे में जिन लोगों के परिवार में हिस्ट्री रही हो उन्हें अपना कोलेस्ट्रॉल चेकअप करवाना चाहिए ताकि समय रहते इस समस्या को खत्म किया जा सके। वहीं ऐसी कई बीमारियों को अपने खाना पान में सुधार कर कंट्रोल किया जा सकता है। वेस्टर्न कंट्री के मुकाबले हमारे यहां टोबेको, मसालेदार, ज्यादा ऑयल, धूम्रपान और यह सब चीजें देखने को सामने आ रही हैं।

सवाल. आपने अपनी एमबीबीएस और हार्ट संबधित पढ़ाई कहां से की
जवाब. मैने अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई एमजीएम मेडिकल कॉलेज से पूरी की। इसके बाद एमजीएम और एमवायएच से अपना एमडी कंप्लीट किया। वहीं बीजे मेडिकल कॉलेज अहमदाबाद से डीएम कार्डियोलॉजी कंप्लीट किया। मुझे यूनिवर्सिटी गोल्ड मेडल से नवाजा गया था। मैने लंदन के सेंट बारथो लोमिया हॉस्पिटल और ऑक्सफोर्ड हार्ट सेंटर में कार्डियोलॉजी में क्लिनिकल अटैचमेंट किए है। मैने देश के कई बड़े अस्पतालों में अपनी सेवाएं दी है, जिसमें प्रमुखस्वामी मेडिकल कॉलेज आनंद, महावीर हार्ट इंस्टिट्यूट सूरत, बॉम्बे हॉस्पिटल और अब कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल इंदौर में सेवाएं दे रहा हूं।