Kota : राजस्थान के कोटा जिले में बच्चों के पढ़ाई के दबाव के बीच रविवार को और दो छात्रों ने आत्महत्या की। इनमें एक छात्र तीन साल से और दूसरा डेढ़ साल से कोटा में तैयारी कर रहे थे। बता दे कि, इस साल कुल 22 छात्रों ने कोटा में आत्महत्या की है। इससे कोटा में स्टूडेंट्स की आत्महत्या की चिंता सरकार के लिए बढ़ रही है।
रविवार को भी दो छात्रों ने टेस्ट सीरीज में कम नंबर आने के बाद आत्महत्या की। पुलिस के अनुसार, एक छात्र लातूर, महाराष्ट्र से था और दूसरा बिहार के रोहतास जिले के निवासी थे। दोनों छात्र अपनी पढ़ाई के दबाव में थे और टेस्ट में कम नंबर आने से परेशान हो गए थे।
कोटा जिले के कलेक्टर ने छात्रों की सुरक्षा के लिए टेस्ट और परीक्षाओं पर दो महीने की रोक लगाने का निर्णय लिया है। इस फैसले के तहत कोटा के सभी कोचिंग इंस्टिट्यूट में विद्यार्थियों के समय-समय पर लिए जाने वाले टेस्ट और परीक्षाओं पर अगले दो महीने तक रोक लगा दी गई है। इसका उद्देश्य बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
कोटा जिले में बच्चों के पढ़ाई के दबाव के बीच स्थिति चिंताजनक हो रही है। इसे लेकर सरकार ने कड़ी योजनाएं बनाई हैं और उन्हें लागू करने का प्रयास किया जा रहा है। कोटा जिले के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इन घटनाओं की जांच की जा रही है और अगर किसी भी प्रकार की लापरवाही पाई जाती है तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।