राज्य में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर फिर से लगी रोक, आरक्षण प्रक्रिया पर उठे सवाल

हाई कोर्ट ने पंचायत चुनाव में आरक्षण की रोटेशन प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने सरकार से जवाब तलब करते हुए सवाल उठाया कि मामला लंबित होने के बावजूद चुनाव कार्यक्रम क्यों जारी किया गया।

Abhishek Singh
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हाई कोर्ट ने राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को निर्धारित आरक्षण की रोटशन प्रक्रिया को चुनौती देती याचिकाओं की सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने पंचायत चुनाव की आरक्षण निर्धारण प्रक्रिया को नियमानुसार नहीं पाते हुए चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।

कोर्ट ने कहा कि जब सरकार को मामले में स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया था तो सरकार ने क्यों चुनाव कार्यक्रम जारी कर दिया जबकि मामला कोर्ट में विचाराधीन है।

कोर्ट ने सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है। कोर्ट के आदेश के बाद राज्य के 12 जिलों में त्रिस्तरीय चुनाव प्रक्रिया फिलहाल स्थगित हो गई है, जबकि सोमवार को नामांकन पत्रों की बिक्री शुरू हो गई थी।

बागेश्वर निवासी गणेश दत्त कांडपाल व अन्य ने याचिका दायर कर कहा कि सरकार ने 9 जून 2025 को एक आदेश जारी कर पंचायत चुनाव हेतु नई नियमावली बनाई। साथ ही 11 जून को परिपत्र जारी कर अब तक पंचायत चुनाव को लागू आरक्षण रोटेशन को शून्य घोषित करते हुए इस वर्ष से नया रोटशन लागू करने का निर्णय लिया है जबकि हाई कोर्ट ने पहले से ही इस मामले में दिशा निर्देश दिए हैं ।

याचिकाकर्ता के अनुसार इस आदेश से पिछले तीन कार्यकाल से जो सीट आरक्षित वर्ग में थी, चौथी बार भी आरक्षित कर दी गई है । जिस कारण याचिकाकर्ता पंचायत चुनाव में भाग नहीं ले पा रहे हैं। इस मामले में सरकार की ओर से बताया गया कि इसी तरह के मामले एकलपीठ में भी दायर हैं।