हमारे सत्य सनातन धर्म में प्रत्येक शुभ कार्य, त्यौहारों का पूजन और खरीदारी आदि कार्य शुभ मुहूर्त और चौघड़िया देख कर किए जाते हैं। ज्योतिष और पंचाग की मान्यता धार्मिकता के साथ ही वैज्ञानिकता पर भी आधारित होती है। इसलिए भारत के साथ ही दुनिया के कई अन्य देशों के नागरिक भी भारतीय ज्योतिष और भारतीय पंचाग के निर्देशों का पालन करते हैं और साथ ही निर्देशित शुभ मुहूर्त आदि में ही शुभमंगल कार्य और खरीदारी का कार्य सम्पन्न करते हैं। ग्रह नक्षत्र के आधार पर वर्ष में कुछ योग ऐसे होते हैं, जिनमें सभी मांगलिक कार्य और खरीदारी अत्यंत शुभ मानी जाती है। ऐसा ही एक योग है ‘पुष्य नक्षत्र’, जिसे नवीन कार्य और खरीदारी के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
आज 18 अक्टूबर को पुरे दिन रहेगा पुष्य नक्षत्र
भारतीय पंचांग के अनुसार आज 18 अक्टूबर को लगभग पुरे दिन पुष्य नक्षत्र लागू रहेगा। सुबह ब्रह्म मुहूर्त में 05:13 से शुरू होकर 19 अक्टूबर को सुब 08:02 बजे तक यह शुभ और मंगल ‘पुष्य नक्षत्र’ जारी रहेगा। सनातन धर्म में मान्यता है कि इस दौरान किए जाने वाले नवीन कार्य और खरीदारी का शुभ प्रभाव देखने को मिलता है।
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इसलिए माना जाता है शुभ
पुष्य नक्षत्र को हमारे धर्म में विशेष मान्यता नवीन कार्यों के आरम्भ और नई वस्तुओं की खरीदारी के लिए दी जाती है। इस नक्षत्र को अन्य सभी नक्षत्रों का राजा माना जाता है। यदि इस नक्षत्र पर शनि और गुरु की विशेष कृपा हो जाए तो यह बेहद शुभ हो जाता है। चूंकि शनि को शक्ति और ऊर्जा का कारक माना जाता है तो वहीं गुरु, ज्ञान और धन के देवता हैं।
बहीखाते और कलम-दवात खरीदना होता है शुभ
सनातन धर्म और भारतीय पंचाग के अनुसार पुष्य नक्षत्र के अवसर पर बहीखाते और कलम-दवात खरीदना शुभ होता है। व्यापार-व्यवसाय में शुभता बढ़ती है । इस दौरान हमारे देश में बहीखाते या कलम-दवात खरीदने के बाद इनकी विधिवत पूजा की जाती है । इसके साथ ही इस विशेष नक्षत्र में धार्मिक पुस्तकें खरीदना भी शुभ होता है।
दीवाली महापर्व के शुभ मुहूर्त
24-10-22 को मनाई जाने वाली दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के शुभ मुहूर्त रात्रि 6-54 से 8-16 तक रहेगा। जबकि अगले दिन सूर्यग्रहण 25-10-22 सूतक सुबह 4-31 से शुरु। इसके साथ ही ग्रहण काल 5-14 से 5-57 तक रहेगा। इस दौरान मंदिर खुलने का समयशाम 7 बजे और भोग आरती रात्रि 8-30 बजे पर शुभ रहेगी।