कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली 23 याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में सोमवार के लिए सूचीबद्ध किया गया है। वहीं, संविधान पीठ के समक्ष 25 मामले लगाए गए हैं जिन पर सुनवाई होनी है। हिजाब प्रतिबंध को बरकरार रखने वाले कर्नाटक हाईकोर्ट के 15 मार्च के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को पूर्व मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना के कार्यकाल के दौरान सूचीबद्ध नहीं किया जा सका था, जबकि इन याचिकाओं को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की गई थी।
जस्टिस यूयू ललित के मुख्य न्यायाधीश बनने के बाद इन मामलों को तेजी से सूचीबद्ध किया गया है। जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ हिजाब प्रतिबंध को चुनौती देने वाली 23 याचिकाओं पर 5 सितंबर को सुनवाई करेगी। कुछ मुस्लिम छात्राओं के लिए हिजाब पहनने के अधिकार की मांग करते हुए सीधे सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर रिट याचिकाएं भी दायर की गई हैं। सोमवार से सुप्रीम कोर्ट में संविधान पीठ भी बैठना शुरू करेगी।
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ये हैं प्रमुख मामले
इसके अलावा आंध्र में मुसलमानों को आरक्षण देने के कानून को चुनौती, एसजीपीसी के प्रबंधन वाले संस्थानों में सिख छात्रों को 50 फीसदी आरक्षण देने का मामला, झामुमो नेता सीता सोरेन का मामला, क्या संविधान के अनुच्छेद 105(2)/ 194 के तहत जनप्रतिनिधियों को सदन में किसी के पक्ष विशेष में वोट देने के लिए रिश्वत लेने से छूट हैं पर सुनवाई होगी।
साथ ही क्या मुसलमानों में बहुविवाह करना, हलाला असंवैधानिक है, भोपाल गैस त्रासदी में मुआवजा बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की उपचार याचिका, क्या नौकरी के लिए परीक्षाओं में पास होने के बाद साक्षात्कार निर्धारित करना असंवैधानिक है पर भी शीर्ष न्यायालय सुनवाई करेगा।