फुटपाथियों ने कुत्ते छू कराए… फिर भी रैनबसेरों में ले जाकर छोड़ दिया

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इंदौर। सड़क के किनारे ठंड में पड़े रहने वाले भिक्षुकों व गरीबों को नगर निगम प्रशासन(municipal administration) भले ही रैनबसेरों में ले जाना चाहता हो लेकिन ये भिक्षुक है कि मानते ही नहीं। ऐसा ही मामला उस वक्त सामने आया जब फुटपाथ पर सोने वाले लोगों को रैनबसेरों ले जाने के लिए निगम की टीम पहुंची तो सही परंतु टीम के पीछे कुत्तों को लगवा दिया। इतना ही नहीं कुछ ने तो अपने कपड़े तक फाड़ लिए बावजूद इसके टीम ने मशक्कत करते हुए फुटपाथियों को रैनबसेरों में ले जाकर छोड़ ही दिया।

ठंड से बचाने के लिए नगर निगम की टीम एनजीओ के साथ मिलकर फुटपाथ पर सोने वाले लोगों रात के समय उठाकर रैनबसेरों में पहुंचाने का काम तीन दिनों से कर रही है लेकिन बीती रात शास्त्री ब्रिज पर सड़क किनारे सोने वाले कुछ लोगों ने टीम का विरोध करते हुए कुत्तों को पीछे लगवा दिया।

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बताया गया है कि अर्जुन नामक एक कर्मचारी को कुत्ते ने बुरी तरह से दबोच भी लिया था, जिसे अन्य कर्मचारियों से कुत्ते से बड़ी मुश्किल से अलग कराया। निगम कर्मचारियों की यदि माने तो उन्हें अपनी पांच घंटे की कार्रवाई में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। फुटपाथ पर सोने वाले भिक्षुक रैनबसेरों में जाना ही नहीं चाहते है। ठंड इतनी अधिक है कि सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। निगम प्रशासन सड़क किनारे रात गुजारने वाले गरीबों को ठंड से बचाने के लिए रैनबसेरों में ले जाना चाहता है परंतु स्थिति विपरित रूप से सामने आ रही है। जानकारी मिली है कि डेली कॉलेज क्षेत्र में एक भिखारी को तीन बार कपड़े पहनाए गए परंतु उसने तीनों ही बार कपड़ों को फाड़ डाला। अब ऐसी स्थिति में निगम कर्मचारियों को कितनी परेशानी हुई होगी, वही अच्छी तरह से बता सकते है।

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झूमते हुए भी मिले टीम को

निगम टीम को कुछ क्षेत्रों में कलाली से बाहर निकलते और शराब के नशे में झूमते हुए भी मिले। इसके अलावा मानसिक विक्षिप्तों से भी टीम को सामना करना पड़ा। बीती रात करीब 20 से अधिक फुटपाथियों को जैसे तैसे पकड़ कर 5 रैनबसेरों में भ्जिवाया गया। ऑपरेशन के पहले दिन सौ और दूसरे दिन पचास से अधिक लोगों को रैनबसेरों में पहुंचाने का काम किया गया। बता दें कि निगमायुक्त प्रतिभा पाल के निर्देश पर यह मुहिम शहर भर में चलाई गई। निगम टीम के साथ एनजीओ प्रवेश संस्था भी सहयोगी रही।