श्रीलंका में चल रही महिला ट्राई-नेशन सीरीज के चौथे मैच में श्रीलंका ने भारत को 3 विकेट से हरा दिया। यह मुकाबला 4 मई 2025 को कोलंबो के आर. प्रेमदासा स्टेडियम में खेला गया। स्मृति मंधाना, जो अपनी 100वीं वनडे खेल रही थीं, इस मैच में फ्लॉप रहीं और सिर्फ 18 रन बनाकर रन-आउट हो गईं। स्नेह राणा ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 3 विकेट लिए, लेकिन उनकी मेहनत भी भारत को हार से नहीं बचा सकी। आइए, इस मैच के प्रमुख पलों और स्मृति मंधाना के प्रदर्शन पर नजर डालते हैं।
स्मृति मंधाना की निराशाजनक पारी
स्मृति मंधाना, जिन्हें भारत की सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज माना जाता है, इस मैच में अपनी छाप नहीं छोड़ सकीं। श्रीलंका के खिलाफ 276 रनों के लक्ष्य से पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम को स्मृति से बड़ी पारी की उम्मीद थी। लेकिन, वह 28 गेंदों में सिर्फ 18 रन बनाकर रन-आउट हो गईं। उनकी पारी में 3 चौके शामिल थे, लेकिन वह लंबी पारी नहीं खेल सकीं। स्मृति मंधाना की यह नाकामी भारत की हार का एक बड़ा कारण बनी, क्योंकि टॉप ऑर्डर से मजबूत शुरुआत की जरूरत थी।

भारत का बल्लेबाजी प्रदर्शन
भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवरों में 9 विकेट पर 275 रन बनाए। रिचा घोष ने 58 रनों की शानदार पारी खेली, जबकि प्रतीका रावल ने 35 और हरमनप्रीत कौर ने 30 रन बनाए। हरलीन देओल ने भी 29 रनों का योगदान दिया। हालांकि, स्मृति मंधाना की जल्दी आउट होने से भारत की शुरुआत कमजोर रही। श्रीलंका की ओर से चमारी अट्टापट्टू और सुगंधिका कुमारी ने 3-3 विकेट लेकर भारत को बड़े स्कोर तक पहुंचने से रोका।
स्नेह राणा की गेंदबाजी बेकार
भारत की ऑफ-स्पिनर स्नेह राणा ने शानदार गेंदबाजी की और 10 ओवरों में 45 रन देकर 3 विकेट लिए। उन्होंने श्रीलंका की कप्तान चमारी अट्टापट्टू (23) का अहम विकेट लिया, जो एक तेज ऑफ-ब्रेक गेंद पर विकेटकीपर को कैच दे बैठीं। लेकिन, नीलाक्षी सिल्वा (56) और अनुष्का संजीवानी की शानदार बल्लेबाजी ने श्रीलंका को 49.1 ओवरों में 7 विकेट खोकर लक्ष्य तक पहुंचा दिया। स्नेह राणा की मेहनत के बावजूद भारत जीत हासिल नहीं कर सका।
श्रीलंका की जीत का नायक
श्रीलंका की जीत में नीलाक्षी सिल्वा ने 33 गेंदों में 56 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली। हर्षिता समराविक्रमा (53) और विश्मी गुनारत्ने (33) ने भी 78 रनों की साझेदारी कर टीम को मजबूत शुरुआत दी। स्मृति मंधाना की फील्डिंग में भी कमी दिखी, जिसका फायदा श्रीलंका ने उठाया। यह जीत श्रीलंका की भारत के खिलाफ 7 साल बाद पहली वनडे जीत थी, जिसने उनकी टीम का हौसला बढ़ाया।