नई दिल्ली। 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री (BBC documentary controversy) पर बैन मामले में सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को बीबीसी वृतचित्र ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ को ब्लॉक करने के अपने फैसले से संबंधित प्रासंगिक रिकॉर्ड पेश करने के लिए कहा है।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना और एमएम सुंद्रेश की बेंच ने एन राम, महुआ मोइत्रा, प्रशांत भूषण और एमएल शर्मा की याचिकाओं पर सुनवाई की। शीर्ष न्यायालय ने केंद्र सरकार से 3 हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है। वकील सीयू सिंह ने कहा कि डॉक्यूमेंट्री से बैन हटना चाहिए। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह भी फैक्ट है कि लोग डॉक्यूमेंट्री को देख पा रहे हैं।
बता दे कि, सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवाई अप्रैल महीने में करेगा। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के पूछा कि आखिर वे पहले हाई कोर्ट क्यों नहीं गए? याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि आपातकालीन शक्ति का उपयोग करके रोक लगाई गई और रोक का आदेश भी पब्लिक डोमेन में नहीं है।
बता दे कि, शीर्ष अदालत की बेंच ने अधिवक्ता एम एल शर्मा की याचिका पर भी नोटिस जारी किया। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को प्रतिबंध संबंधी आदेश के मूल रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश भी दिया है। सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई याचिका में याचिकाकर्ताओं ने कहा कि बीबीसी की डॉक्युमेंट्री में दिखाई गई सच्चाई से सरकार डर गई है।
याचिका में कहा गया कि ये बैन द्वेषपूर्ण और मनमाना होने के साथ-साथ असंवैधानिक है। याचिका में सरकार के फैसले को मनमाना, दुर्भाग्यपूर्ण और असंवैधानिक बताया गया है। बता दें कि 21 जनवरी को केंद्र सरकार ने विवादास्पद बीबीसी डॉक्यूमेंट्री “इंडिया: द मोदी क्वेश्चन” को देश में प्रतिबंधित कर दिया था।