नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine) के बीच जारी युद्ध को आज एक साल पूरा हो गया है। पिछले साल दोनों देशों के बीच शुरू हुए संघर्ष की वजह से कई लोगों की मौत हो चुकी है और कई घर बेरान हो चुके है। गत एक साल से यह युद्ध लगातार जारी है, जिसका फिलहाल अंत होता नहीं दिख रहा। न यूक्रेन ने पीठ दिखाई और ना ही रूस ने पीछे हटने का नाम लिया।
पुतिन ने जब जंग का ऐलान किया था, तब लगा था कि कुछ ही दिन में यूक्रेन हार जाएगा। लेकिन ये जंग खींचती गई और आज उसे एक साल हो गया है। जब पूरी दुनिया के देश कोरोना के बाद अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने में लगे हुए थे, तब अचानक 24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण करके जंग का आगाज कर दिया था।
पिछले साल दोनों देशों के बीच शुरू हुए संघर्ष की वजह से यूक्रेन से मेडिकल के हजारों भारतीय स्टूडेंट्स को लौटना पड़ा था, उनका भविष्य आज भी अंधकार में है। युद्ध अब दूसरे साल में प्रवेश कर गया है। एक साल की जंग में अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है। यूक्रेन में शहर के शहर खंडहर बन गए हैं।
जब हालात बिगड़ने लगे तो यूक्रेन के साथ अमेरिका और उसके सहयोगी ‘नाटो’ के देश खड़े हो गए। अमेरिका ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की का साथ दिया। आर्थिक और सैन्य मदद का सिलसिला शुरू हुआ। तब यूक्रेन ने भी रूस पर पलटवार किया। इस एक साल में न कोई जीता है। न कोई हारा। शहर के शहर तबाह हो गए हैं। हजारों लोग मारे जा चुके हैं। जो बच गए हैं, वो शरणार्थी बनकर जिंदगी काट रहे हैं।
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शुरू में यूक्रेन को बहुत नुकसान हुआ लेकिन, जैसे-जैसे लड़ाई आगे बढ़ी वो मजबूत होता चला गया। रूस के टैंक उड़ाए। कई कब्जाए शहरों पर फिर कब्जा किया। शह और मात का ये खेल चलते चलते पूरा एक साल हो गया। इस जंग ने न सिर्फ दोनों देशों को प्रभावित किया, बल्कि दुनिया की अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव डाला है।
इस युद्ध में बसे बसाए खूबसूरत शहर तबाह हुए हैं। हजारों लोग मारे गए हैं। करोड़ों विस्थापित हुए हैं और पड़ोसी देशों में शरणार्थी के रूप में जीवन काट रहे हैं। यूक्रेन ने उन क्षेत्रों को वापस लेने का प्रयास किया जहां शुरुआती समय में रूस ने कब्जा जमा लिया था। जंग के ऐलान के पहले ही रूस ने जंगी विमान उड़ाकर अपने इरादे जाहिर कर दिए थे।
पश्चिमी देशों का अनुमान है कि इस जंग में रूस के 1.80 लाख और यूक्रेन के 1 लाख सैनिक या तो मारे गए होंगे या घायल हुए होंगे। यूक्रेन ने 23 फरवरी तक रूस के 1,45,850 सैनिकों के मारे जाने का दावा किया है। पुतिन के ऐलान के बाद करीब दो लाख रूसी सैनिक यूक्रेन की ओर बढ़ गए थे। उत्तर में बेलारूस से कीव की ओर रूसी सेना बढ़ी।
बीते एक साल में रूस ने अपनी ताकत से यूक्रेन के कई अहम शहरों और बंदरगाहों पर कब्जा कर लिया। रूस और यूक्रेन के बीच यह लड़ाई लंबी चलने के लिए पीछे पश्चिमी देशों को जिम्मेदार बताया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका, ब्रिटेन समेत नाटो के कई देश खुलकर यूक्रेन की मदद कर रहे हैं। रूस ने पिछले साल सितंबर में सैन्य मौतों का आधिकारिक आंकड़ा दिया था। तब रूस ने बताया था कि इस जंग में उसके करीब 6 हजार सैनिक मारे जा चुके हैं।
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