ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को शक्ति, साहस और ऊर्जा का प्रतीक माना गया है, लेकिन यदि यह ग्रह कुंडली के कुछ विशेष भावों में स्थित हो, तो वैवाहिक जीवन में समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। ऐसी स्थिति को मांगलिक दोष कहा जाता है। यह दोष तब बनता है जब मंगल ग्रह लग्न, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में हो। मांगलिक दोष से विवाह में देरी, रिश्तों में तनाव और अनबन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
हालांकि यह दोष कोई अटल सत्य नहीं है और इससे डरने की आवश्यकता नहीं है। ज्योतिष में इसके निवारण के कई प्रभावी और आसान उपाय बताए गए हैं, जिन्हें अपनाकर जीवन को सुखमय बनाया जा सकता है। आइए जानें, मांगलिक दोष को शांत करने के लिए कौन-कौन से उपाय कारगर हो सकते हैं।

दो मांगलिकों का विवाह
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मांगलिक दोष है, तो उसका विवाह किसी अन्य मांगलिक व्यक्ति से कराना श्रेष्ठ माना जाता है। मान्यता है कि जब दो मांगलिक आपस में विवाह करते हैं, तो उनके दोष एक-दूसरे को संतुलित कर देते हैं, जिससे वैवाहिक जीवन में समस्याएं उत्पन्न नहीं होतीं।
कुंभ विवाह
जिन लोगों का विवाह गैर-मांगलिक व्यक्ति से होने वाला हो, उनके लिए कुंभ विवाह एक वैकल्पिक उपाय है। इस प्रक्रिया में मांगलिक व्यक्ति पहले एक पीपल या वटवृक्ष से प्रतीकात्मक विवाह करता है। इसके बाद ही वास्तविक विवाह किया जाता है। यह विधि मंगल दोष की तीव्रता को कम करती है।
मंगल ग्रह की शांति के लिए पूजा और अनुष्ठान
मंगल दोष से बचाव के लिए विशेष पूजा-अनुष्ठानों की मदद ली जा सकती है। इसके लिए वैदिक मंत्रों का जाप, हवन और मंगल यंत्र की स्थापना की जाती है। यह कार्य किसी अनुभवी ब्राह्मण या पंडित की देखरेख में ही करना चाहिए ताकि उचित विधि से दोष की शांति हो सके।
मंगलवार का व्रत और हनुमान आराधना
मंगलवार का दिन मंगल ग्रह और हनुमान जी को समर्पित होता है। मांगलिक दोष से ग्रसित व्यक्ति को हर मंगलवार व्रत रखना चाहिए और इस दिन हनुमान चालीसा, सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। साथ ही, हनुमान जी को लाल फूल, गुड़ और चोला अर्पित करने से विशेष लाभ होता है।
मूंगा रत्न
मूंगा (लाल प्रवाल) मंगल ग्रह का प्रतिनिधित्व करने वाला रत्न है। इसे धारण करने से व्यक्ति में आत्मविश्वास बढ़ता है और ग्रह के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं। मूंगा रत्न सोने या तांबे की अंगूठी में, मंगलवार को अनामिका उंगली में धारण करना चाहिए। लेकिन इसे धारण करने से पहले किसी विशेषज्ञ ज्योतिष से परामर्श अवश्य लें।
मंगल मंत्रों का जाप
मांगलिक दोष को कम करने के लिए मंगल बीज मंत्र “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” का प्रतिदिन 108 बार जाप करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा “ॐ अं अंगारकाय नमः” मंत्र का भी नियमित जप मंगल ग्रह के प्रभाव को सकारात्मक बना सकता है।
Disclaimer : यहां दी गई सारी जानकारी केवल सामान्य सूचना पर आधारित है। किसी भी सूचना के सत्य और सटीक होने का दावा Ghamasan.com नहीं करता।