सजोड़े की महामृत्युंजय तप की आराधना, 3 सितंबर को भव्य वरघोड़ा नगर में निकला

RitikRajput
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इंदौर : सजोड़े की महामृत्युंजय तप की आराधना का पारण 3 सितंबर को होकर भव्य वरघोड़ा नगर में निकला। इस महत्वपूर्ण तपस्या के दौरान पूना श्रद्धालु प.पु. कीर्तिसुधाजी म.सा ने 31 दिनों तक गर्म जल के आधार पर कठिन तपस्या का पालन किया।

सजोड़े की महामृत्युंजय तप की आराधना, 3 सितंबर को भव्य वरघोड़ा नगर में निकला

इस अद्वितीय आराधना के माध्यम से श्वेताम्बर जैन समाज के कई संस्थाओं के नेतृत्वकर्ता सुभाषजी वन्यायक्या के सुपुत्र और बहु, अर्पित भावना जैन, ने अपने आत्मा की शुद्धि और उन्नति के लिए मासक्षमण तप का आयोजन किया।

सजोड़े की महामृत्युंजय तप की आराधना, 3 सितंबर को भव्य वरघोड़ा नगर में निकला

राजेश जैन, एक युवा व्यक्ति, ने इस महत्वपूर्ण तप का महत्व बताया और यह बताया कि जैन धर्म में ऐसे तप का विशेष महत्व होता है। तपस्वियों की महत्वपूर्ण तपस्या के परिणामस्वरूप, इस आयोजन के अंतर्गत अभिग्रहधारी राजेशमुनिजी म.सा. राजेंद्र मुनिजी म.सा., मालवकीर्ति पूज्य कीर्तिसुधाजी म.सा., आदर्शज्योतिजी म.सा. और दक्षिणआदर्शज्योतिजी म.सा. जैसे कई संत और सतीमंडल धर्म सभा को सम्बोधित किया।
सजोड़े की महामृत्युंजय तप की आराधना, 3 सितंबर को भव्य वरघोड़ा नगर में निकला

इस उपलक्ष्य में, वरिष्ठ समाज सेवी चंदनमलजी चोरडिया, दिनेशजी मित्तल (CMD मित्तल ग्रुप), IPS ग्रुप के MD अचलजी चौधरी और रेणुजी जैन भी उपस्थित थे।

इस महत्वपूर्ण तप का पारण भव्य वरघोड़ा नगर में हुआ, और तपस्वियों का सम्मान वन्यायक्या परिवार द्वारा किया गया। इसके अलावा, एक धर्म सभा भी आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न स्थानों से आए तपस्वियों को सम्मानित किया गया।