कल है महाशिवरात्रि, इन पूजन सामग्री के साथ ऐसे करें भोलेनाथ की पूजा, देखें लिस्ट

Author Picture
By Ayushi JainPublished On: March 10, 2021
bholenath

महाशिवरात्रि का पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार महाशिवरात्रि का पर्व 11 मार्च को मनाया जाएगा। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का मिलान हुआ था। वहीं शिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। जिसकी वजह से इस दिन का काफी ज्यादा महत्व है। इस दिन व्रत उपवास करने का विधान है। साथ ही महाशिवरात्रि के दिन खास तौर पर भगवान शिव की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है। इस साल महाशिवरात्रि का त्योहार 11 मार्च 2021 को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं अनुसार इस दिन व्रत पूजन करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

पूजन सामग्री-

महाशिवरात्रि के इस पावन पर्व पर शिव के साथ माता पार्वती की पूजा भी की जाती है। इस दिन पूजा करना सबसे फलदायी माना गया है। खास बात ये है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा विशेष सामग्रियों के साथ की जाती है। जिसकी सामग्री ये है – पूजा में पुष्प, बिल्वपत्र, भांग, धतूरा, बेर, जौ की बालें, आम्र मंजरी, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, गन्ने का रस, दही, देसी घी, शहद, गंगा जल, साफ जल, कपूर, धूप, दीपक, रूई, चंदन, पंच फल, पंच मेवा, पंच रस, गंध रोली, इत्र, मौली जनेऊ, शिव और मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री, वस्त्राभूषण, रत्न, पंच मिष्ठान्न, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन का इस्तेमाल किया जाता है।

ऐसे करें महाशिवरात्रि का व्रत –

बता दे, महाशिवरात्रि व्रत त्रयोदशी तिथि को शुरू होगा। ऐसे में पूरे दिन का उपवास रखा जाएगा। इस दिन भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं। साथ ही अपना व्रत पूरा करने से पहले भोलेनाथ से आशीर्वाद मांगते हैं। मान्यता है कि चतुर्दशी पर रात्रि के दौरान चार बार महाशिवरात्रि की पूजा की जाती है।

इन चार समयों को चार पहर के रूप में भी जाना जाता है और यह माना जाता है कि इन समयों के दौरान पूजा करने से व्यक्ति अपने पिछले पापों से मुक्त हो जाता है और उन्हें मोक्ष का आशीर्वाद मिलता है। खास बात ये है कि शिव पूजा को रात्रि के दौरान करना अनिवार्य माना जाता है। अगले दिन चतुर्दशी तिथि समाप्त होने से पहले सूर्योदय के बाद इस व्रत का पारण किया जाना चाहिए। बता दे, यदि आप उपवास करते हैं तो पूरे दिन फलाहार ग्रहण करें और नमक का सेवन न करें। यदि किसी वजह से नमक का सेवन करते हैं तो सेंधा नमक का सेवन करें।