यह व्हाट्सएप ज्ञान नहीं है, पुराणों व धर्मग्रंथों में उल्लेखित जानकारी है

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By Mohit DevkarPublished On: September 10, 2021

आज शुक्रवार, भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी तिथि है।
आज चित्रा नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है
( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)


-आज गणेश चतुर्थी है।
-आज भगवान गजानन मध्याह्न काल में प्रकट हुए थे।
-पवित्र मिट्टी से भगवान गजानन की पार्थिव प्रतिमा बनाकर आज ठीक दोपहर 12 बजे स्वस्तिक पर स्थापित कर पूजा करें।
-पार्थिव गणेश प्रतिमा पर दुर्वांकुर और 21 शमीपत्र चढ़ाना चाहिए।
-आज चन्द्रमा दर्शन निषेध है।
-आज रात में चन्द्र दर्शन करने से मिथ्या कलंक लग जाता है।
-यदि भूल से चन्द्र दर्शन हो जाए तो उस व्यक्ति को इसके निवारण के निमित्त स्यमन्त्तक की कथा श्रवण करना आवश्यक है।
-शिवा, शान्ता और सुखा – यह तीन चतुर्थी होती हैं। इनमें भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी की शिवा संज्ञा है।
-आज के दिन वाली चतुर्थी (शिवा) को स्नान, दान, जप और उपवास करने से सौ गुना फल होता है।
-स्त्रियां यदि आज के दिन गुड़, घी, नमक आदि से बने व्यञ्जन और मालपूए आदि से अपने सास-ससुर, या मां आदि परिजनों को तृप्त करें तो उनके सौभाग्य की वृद्धि होती है।
-गणेश गीता का उल्लेख गणेश पुराण के क्रीड़ा खण्ड के अध्याय 138 से 148 तक में विस्तार से है।
-भगवान गजानन स्वेच्छा वश कल्प भेद से भिन्न – भिन्न रूपों में अवतीर्ण हुए हैं।
-भगवान गणेश कभी शंकरजी के मुख से, कभी उनके क्रोध आवेश से, कभी पार्वती जी के तेज से, तो कभी उनके उदर से और कभी उनके शरीर के मैल (उबटन) से अवतीर्ण हुए हैं।