Viprit Rajyog : वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि को कर्मफल दाता कहा जाता है। शनि अपने कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। जो लोग अच्छे काम करते हैं, काम के साथ ईमानदारी रखते हैं। उन्हें शनि की दया और करुणा प्राप्त होती है और उनपर शनि की विशेष कृपा होती है।
शनि सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है। यह एक राशि में करीब ढाई साल तक रहते हैं।इस समय शनि गुरु की राशि मीन में विराजमान है और यहां रहकर कई अन्य ग्रहों के साथ मिलकर राजयोग का निर्माण कर रहे हैं। ऐसे में शनि सिंह राशि में विपरीत राजयोग का निर्माण कर रहे हैं।

विपरीत राजयोग का निर्माण
इस राजयोग के निर्माण से कुछ राशियों के जातकों के जीवन में विशेष लाभ मिलने वाला है। दरअसल 29 मार्च को शनि मीन राशि में प्रवेश कर चुके हैं और जून 2027 तक यहीं पर रहने वाले हैं। ऐसे में विपरीत राजयोग 2027 तक बना रहेगा।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक विपरीत राजयोग तब बनता है, जब कुंडली के छठे, 8वें और 12वें भाव में स्वामी सातवें, आठवें और 12वें भाव में गोचर कर रहे हो। यहां पर शनि छठे भाव के स्वामी होकर 8वें भाव में गोचर कर रहे हैं तो विपरीत राजयोग का निर्माण हुआ है।
इन राशि के जातकों को लाभ
दरअसल 12 राशियों में से सिर्फ सिंह राशि है। जिसमें विपरीत राजयोग का निर्माण हो रहा है। ऐसे में कई राशियों को महत्वपूर्ण सफलता मिलेगी। शनि इस राशि की कुंडली के छठे और सातवें भाव के स्वामी होकर आठवें भाव में गोचर कर रहे हैं। ऐसे में इनकी तीसरी दृष्टि दशम भाव पर होने के साथ ही सातवीं दृष्टि धन के भाव पर, दसवीं दृष्टि पंचम भाव पर पड़ रही है।
सिंह राशि के लिए विपरीत राजयोग का निर्माण होने से जीवन में चली आ रही संघर्ष से मुक्ति मिलेगी। उच्च स्तर की सफलता हासिल करेंगे। साथ ही अपार सफलता के साथ ही धन-धान्य में बढ़ोतरी होगी। व्यापार का विस्तार करेंगे। इस राजयोग के निर्माण के साथ ही मित्र परिवार जीवनसाथी के साथ समय व्यतीत करेंगे।
पैसे की बचत करने में सफल रहेंगे। लंबे समय से चली आ रही स्वास्थ्य समस्या हल हो सकती है। बैंक लोन सरकारी कर्ज से मुक्ति मिलेगी। कोर्ट कचहरी में सफलता मिल सकती है। अचानक से धन लाभ होगा। गुप्त धन की प्राप्ति हो सकती है। शेयर लॉटरी और इंश्योरेंस से लाभ मिल सकता है।
Note : यह आलेख सामान्य जानकारी पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।