Navratri 2025 : हिंदू परंपराओं में नवरात्रि को देवी शक्ति की उपासना का सर्वोत्तम समय माना जाता है। इसी दौरान घर में झाड़ू बदलने की प्राचीन परंपरा निभाई जाती है। यह केवल घर की सफाई तक सीमित नहीं है, बल्कि माना जाता है कि इससे मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और घर में स्थायी सुख-समृद्धि आती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार नवरात्रि के दौरान पुरानी झाड़ू हटाकर नई झाड़ू का स्वागत करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
नवरात्रि में विशेष रूप से घर की सफाई पर जोर दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि स्वच्छता के साथ-साथ घर की नकारात्मक ऊर्जा भी समाप्त होती है। झाड़ू इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जब पुरानी झाड़ू को बदल दिया जाता है, तो घर में नया उत्साह और सकारात्मक तरंगें प्रवेश करती हैं, जिससे स्वास्थ्य, शांति और समृद्धि का मार्ग खुलता है।
क्यों जरूरी है पुरानी झाड़ू हटाना
वास्तु शास्त्र और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पुरानी झाड़ू में धीरे-धीरे नकारात्मक ऊर्जा और अशुभ प्रभाव जमा हो जाते हैं। अगर इसे लंबे समय तक रखा जाए तो घर के वातावरण पर इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसलिए पुरानी झाड़ू को आदरपूर्वक घर से बाहर निकालकर नई झाड़ू लाना बेहद शुभ माना जाता है।
झाड़ू बदलने का सही समय
झाड़ू बदलने के लिए विशेष तिथियों और समय का महत्व है।
- शनिवार और अमावस्या : इन दिनों झाड़ू बदलना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस समय नई झाड़ू घर में दरिद्रता को दूर कर धन और अन्न की वृद्धि का कारण बनती है।
- नवरात्रि और दीपावली : धार्मिक दृष्टि से इन त्योहारों पर झाड़ू बदलना सबसे उत्तम उपाय है। विशेषकर नवरात्रि के नौ पवित्र दिनों में यह प्रक्रिया घर में स्थायी लक्ष्मी वास सुनिश्चित करती है।
- शाम का समय : सुबह की बजाय शाम को झाड़ू लाना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इससे घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।
व्यावहारिक दृष्टि से बदलाव
धार्मिक मान्यता के साथ-साथ व्यावहारिक कारणों से भी झाड़ू बदलना जरूरी है। जैसे ही झाड़ू घिसने लगे, टूटने लगे या उसके तिनके बिखरने लगें, उसे बदल देना चाहिए। यह न केवल घर की सफाई को आसान बनाता है बल्कि ऊर्जा के प्रवाह को भी संतुलित करता है।
झाड़ू और वास्तु शास्त्र
वास्तु शास्त्र में झाड़ू को नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने वाला साधन बताया गया है। पुरानी झाड़ू को बदलने से घर के वातावरण में मौजूद नकारात्मकता बाहर चली जाती है और नई झाड़ू सकारात्मक शुरुआत का प्रतीक बनती है।
मंत्र जाप से बढ़ता है प्रभाव
जब नई झाड़ू को घर में लाया जाए तो “ॐ महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का जाप करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। ध्यान और मंत्र के साथ झाड़ू बदलने से इसका आध्यात्मिक प्रभाव और भी बढ़ जाता है। यह घर में स्वास्थ्य, समृद्धि और सौभाग्य लाता है।
धन और खुशहाली का मार्ग
मान्यता है कि पुरानी झाड़ू के साथ दरिद्रता और नकारात्मक ऊर्जा घर से बाहर चली जाती है, जबकि नई झाड़ू मां लक्ष्मी को आमंत्रित करती है। इससे घर में धन, नौकरी के अवसर और खुशहाली बढ़ती है।
नवरात्रि केवल पूजा-पाठ और उपवास का ही समय नहीं है, बल्कि यह बदलाव और नई शुरुआत का पर्व है। इस दौरान पुरानी झाड़ू को आदरपूर्वक हटाकर नई झाड़ू घर में लाने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का स्थायी वास होता है।
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