Mithun Sankranti 2025 : मिथुन संक्रांति हिंदू धर्म और वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना मानी जाती है। यह वह समय होता है जब सूर्य देवता, वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करते हैं। वर्ष 2025 में यह संक्रांति 15 जून, रविवार को मनाई जाएगी।
सूर्य के इस गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ता है, लेकिन विशेष रूप से मिथुन राशि पर इसका गहरा असर होता है। सूर्य को आत्मा, पिता, यश, नेतृत्व और स्वास्थ्य का प्रतीक माना गया है, वहीं मिथुन राशि के स्वामी बुध हैं, जो वाणी, बुद्धि और तर्कशक्ति के देवता माने जाते हैं।

गुरु आदित्य राजयोग का निर्माण
इस बार की मिथुन संक्रांति विशेष बन रही है क्योंकि सूर्य के साथ-साथ बुध और बृहस्पति (गुरु) भी मिथुन राशि में विराजमान रहेंगे। तीन प्रमुख ग्रहों की यह युति ‘त्रिग्रही योग’ बनाती है, और सूर्य व गुरु के मिलन से ‘गुरु आदित्य राजयोग’ का निर्माण होता है। यह योग जीवन में ज्ञान, धन, प्रतिष्ठा और नेतृत्व क्षमता को बढ़ाता है, साथ ही मानसिक स्पष्टता और सकारात्मक सोच को भी प्रबल करता है।
पुण्य प्राप्ति के लिए करें ये विशेष दान
मिथुन संक्रांति को दान-पुण्य का अत्यंत फलदायी समय माना गया है। इस दिन सूर्योदय के समय तांबे के लोटे में जल, लाल चंदन और फूल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। इसके पश्चात जरूरतमंदों या ब्राह्मणों को निम्न वस्तुओं का दान करना अत्यंत लाभकारी होता है:
- हरे रंग के वस्त्र: बुध ग्रह से जुड़ा होने के कारण हरे रंग का महत्व अधिक है। हरे वस्त्र दान करने से जीवन में सौहार्द, संतुलन और आर्थिक स्थिरता आती है।
- अन्न का दान: अन्न दान को महादान कहा गया है। इससे घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती और पितरों की कृपा भी प्राप्त होती है।
- जल दान: गर्मी के मौसम में जल पिलाना सबसे बड़ा पुण्य कार्य माना जाता है। इससे मानसिक शांति मिलती है और पितरों को शांति प्राप्त होती है।
- हरी मूंग दाल: बुध ग्रह को बल देने के लिए हरी मूंग का दान करें। यह बुद्धि, वाणी और व्यापार में उन्नति का मार्ग खोलता है।
- मीठा दान: मिश्री, चीनी या गुड़ का दान करने से जीवन में मिठास और प्रसन्नता आती है। इसे ब्राह्मणों या बच्चों को दान करना अत्यंत शुभ माना गया है।
- तांबे का दान: सूर्य को प्रिय धातु तांबा है। तांबे का बर्तन या सिक्का दान करने से सूर्य की कृपा मिलती है, जिससे मान-सम्मान और ऊर्जा में वृद्धि होती है।
- गौ सेवा: गाय को हरी घास या चारा खिलाना अत्यंत पुण्यकारी कार्य है। इससे सभी देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
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