सीढ़ियों के नीचे टॉयलेट बनवाना सही है या नहीं? जानें क्या कहता है वास्तु शास्त्र

वास्तु शास्त्र के अनुसार, सीढ़ियों के नीचे टॉयलेट बनवाना नकारात्मक ऊर्जा और वास्तु दोष का कारण बनता है, जिससे परिवार में कलह, आर्थिक तंगी और स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। यदि जगह की कमी के कारण ऐसा करना पड़े, तो नमक, वास्तु यंत्र, नीली सजावट और रोशनी जैसे उपाय अपनाकर इसके दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है।

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वास्तु शास्त्र भारतीय परंपरा में घर की सुख-शांति और समृद्धि बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक सिद्धांत माना जाता है। इसके अनुसार, घर की हर दिशा, हर कोना, और प्रत्येक निर्माण कार्य का एक निश्चित नियम होता है। इन्हीं में से एक विशेष नियम यह भी है कि सीढ़ियों के नीचे कभी भी शौचालय (टॉयलेट) नहीं बनवाना चाहिए।

वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, सीढ़ियों के नीचे बना टॉयलेट नकारात्मक ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत बन सकता है। टॉयलेट अपने आप में एक अपवित्र स्थान माना जाता है, और जब इसे सीढ़ियों के नीचे बनवाया जाता है, तो यह पूरे घर में नकारात्मकता फैला सकता है। इससे घर के सदस्यों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है, साथ ही आर्थिक समस्याएं और मानसिक तनाव भी बढ़ सकता है। इस स्थान पर टॉयलेट होने से घर में वास्तु दोष उत्पन्न होता है, जो लंबे समय तक बना रहे तो परिवार में कलह, नौकरी में रुकावट, धन की हानि, और रिश्तों में तनाव जैसी समस्याएं आ सकती हैं।

जगह की कमी हो तो क्या करें?

शहरी जीवन में अक्सर घर की सीमित जगह के कारण लोग मजबूरी में सीढ़ियों के नीचे टॉयलेट बनवा लेते हैं। ऐसे में कुछ आसान उपाय अपनाकर इस वास्तु दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

वास्तु दोष को कम करने के उपाय

1. नमक का प्रयोग:

सीढ़ियों के नीचे बने टॉयलेट में एक कटोरी में सेंधा नमक या समुद्री नमक भरकर रखें। यह नमक वातावरण की नकारात्मक ऊर्जा को सोखता है। सप्ताह या पंद्रह दिन में एक बार इस नमक को बदलना चाहिए।

2. वास्तु यंत्र का उपयोग:

टॉयलेट के भीतर या उसके द्वार के पास वास्तु यंत्र या क्रिस्टल पिरामिड लगाना शुभ माना जाता है। यह उपाय नकारात्मक ऊर्जा को नियंत्रित करने में मदद करता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बनाए रखता है।

3. नीला रंग और सजावट:

टॉयलेट में नीली बाल्टी, नीले पर्दे या नीले रंग की पेंटिंग्स रखने से भी प्रभाव में कमी आती है। इसके अलावा हरे पौधे, विशेष रूप से मनी प्लांट या तुलसी के छोटे गमले भी वहां रखे जा सकते हैं, जो वातावरण को शुद्ध करते हैं।

4. दर्पण और लाइटिंग:

टॉयलेट में एक बड़ा दर्पण और पर्याप्त रोशनी रखने से वहां की ऊर्जा को नियंत्रित किया जा सकता है। यह स्थान को उज्ज्वल बनाता है और नकारात्मक ऊर्जा को दबाने में सहायक होता है।

 

Disclaimer : यहां दी गई सारी जानकारी केवल सामान्य सूचना पर आधारित है। किसी भी सूचना के सत्य और सटीक होने का दावा Ghamasan.com नहीं करता।