कंफ्यूजन खत्म! इस दिन मनाई जाएगी हरियाली अमावस्या, यहां जानें शुभ तिथि और महत्व

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By Swati BisenPublished On: July 22, 2025
Hariyali Amavasya 2025

श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है, और इसी माह की अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है। यह दिन शिव-भक्तों के लिए आस्था और श्रद्धा से भरपूर होता है। इस वर्ष हरियाली अमावस्या की तिथि को लेकर लोगों के बीच भ्रम की स्थिति बनी हुई है। आइए जानते हैं इस दिन की सटीक तिथि, पूजा का महत्व और शुभ योगों की जानकारी।

हरियाली अमावस्या 2025 किस दिन मनाई जाएगी?

हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास की अमावस्या तिथि 24 जुलाई 2025 को रात 2:28 बजे शुरू होगी और इसका समापन 25 जुलाई दोपहर 12:40 बजे पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के आधार पर हरियाली अमावस्या 24 जुलाई 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन सुबह से दोपहर तक किया गया स्नान, दान और पितृ तर्पण विशेष फलदायी माना जाएगा।

हरियाली अमावस्या का महत्व

हरियाली अमावस्या केवल शिव-पूजा का अवसर नहीं, बल्कि प्रकृति और पितृ भक्ति से जुड़ा एक पर्व भी है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही, पर्यावरण संरक्षण के प्रतीक रूप में पेड़-पौधे लगाने की परंपरा भी है।

यह तिथि पितरों को समर्पित मानी जाती है, इसलिए इस दिन पितृ तर्पण, पवित्र स्नान, ब्राह्मण भोजन और दान-पुण्य करने की विशेष मान्यता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूर्वजों की आत्मा को तृप्त करने से पितृ दोष का शमन होता है और घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

क्यों कहते हैं इसे ‘हरियाली’ अमावस्या?

श्रावण माह में जब प्रकृति पूरी तरह हरियाली ओढ़ लेती है, उसी समय यह अमावस्या आती है। वर्षा ऋतु की फुहारों में धरती हरी चादर में लिपटी नजर आती है, इसलिए इस अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है। इस दिन लोग नदियों में स्नान करते हैं, व्रत रखते हैं और गांव-शहरों में मेलों का भी आयोजन होता है।

हरियाली अमावस्या 2025 के शुभ योग

2025 की हरियाली अमावस्या पर कई शुभ संयोग और योग बन रहे हैं, जो इसे और भी विशेष बना देते हैं। इस दिन गुरु पुष्य योग, हर्षण योग, अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और शिव वास योग जैसे महत्वपूर्ण ज्योतिषीय संयोग बन रहे हैं। इन योगों में की गई पूजा-अर्चना और व्रत साधना अत्यंत फलदायी मानी जाती है।

यदि इस दिन श्रद्धापूर्वक महादेव और माता पार्वती की पूजा की जाए, तो भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं और जीवन के संकटों से छुटकारा मिलता है।

क्या करें इस दिन?

  • सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदियों या घर में गंगाजल मिले जल से स्नान करें।
  • भगवान शिव और पार्वती जी की विधिवत पूजा करें।
  • बेलपत्र, आक, धतूरा और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें।
  • अपने पितरों के लिए तर्पण करें और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें।
  • वृक्षारोपण करें, विशेषकर पीपल, तुलसी और फलदार पेड़ लगाना शुभ माना गया है।


Disclaimer : यहां दी गई सारी जानकारी केवल सामान्य सूचना पर आधारित है। किसी भी सूचना के सत्य और सटीक होने का दावा Ghamasan.com नहीं करता।