सनातन धर्म में गंगा और तुलसी दोनों को देवी स्वरूप माना गया है। इनकी पूजा से न केवल पवित्रता प्राप्त होती है, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि और धन-धान्य की वृद्धि भी होती है। वर्ष 2025 में गंगा दशहरा 5 जून को मनाया जाएगा। यह दिन धार्मिक रूप से अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन यदि तुलसी से जुड़े कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
पहला उपाय: गंगाजल और तुलसी से करें नेगेटिविटी का नाश
गंगा दशहरा की सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें। इसके बाद पीतल के लोटे में गंगाजल भरें और उसमें तुलसी के पांच या सात पत्ते डाल दें। इस जल को घर के हर कोने में छिड़काव करें। यह उपाय आपके घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और वातावरण को शुद्ध करता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी और गंगाजल का संगम अत्यंत पवित्र माना जाता है और इससे घर में सुख-शांति आती है।

दूसरा उपाय: तिजोरी में रखें तुलसी और गंगाजल का संयोग
इस दिन तुलसी माता की विधिवत पूजा करें। कुछ तुलसी के पत्ते तोड़ें और उन्हें भगवान विष्णु को अर्पित करें। इसके साथ ही भगवान को गंगाजल भी चढ़ाएं। पूजा के बाद उन तुलसी के पत्तों पर गंगाजल के कुछ बूंदें छिड़क दें। फिर इन पत्तों को लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी या धन रखने के स्थान पर रख दें। मान्यता है कि इससे माता लक्ष्मी, भगवान विष्णु, गंगा माता और तुलसी माता सभी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे घर में धन और ऐश्वर्य बना रहता है।
गंगा दशहरा पर तुलसी पूजा के लाभ
गंगा दशहरा के दिन तुलसी की पूजा विशेष फलदायी होती है। तुलसी में गंगाजल अर्पित करें, घी का दीपक जलाएं और भगवान विष्णु तथा माता लक्ष्मी का ध्यान करें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा, सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है।
ध्यान रखने योग्य बातें
- तुलसी पत्ते तोड़ते समय हाथ साफ रखें और प्रातःकाल ही पत्ते लें।
- गंगाजल हमेशा शुद्ध और पवित्र स्थान से प्राप्त करें।
- पूजा के समय श्रद्धा और एकाग्रता बनाए रखें।
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