Chaitra Navratri 2025 : चैत्र नवरात्रि हिंदू पंचांग में चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आरंभ होती है और नवमी तिथि को इसका समापन होता है। इस साल चैत्र नवरात्रि का त्योहार 30 मार्च से शुरू होगा। वहीं 6 अप्रैल तक चैत्र नवरात्रि जारी रहने वाली है।
नवरात्रि के दिनों में पांच विशेष योग बनने से जातकों को बेहद लाभ होने वाला है। वही माता की सवारी हाथी होने से इस बार नवरात्रि सुख और समृद्धि से परिपूर्ण होगी।

हाथी पर सवार होकर आ रही मां दुर्गा
इस बार चैत्र नवरात्रि में माता दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही है। शुभ योग के साथ ही कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त की चर्चा करते हैं। तृतीया तिथि का क्षय होने के कारण 31 मार्च को माता के द्वितीय और तृतीय स्वरूप की पूजा एक साथ की जाएगी।
पांच योग का निर्माण
इस बार नवरात्रि में सर्वार्थ से सिद्धि योग के अलावा इंद्र योग, बुधादित्य योग ,शुक्रादित्य योग, लक्ष्मी नारायण योग बनने से नवरात्रि फलदायक होने वाली है। हालांकि चैत्र नवरात्रि में कालसर्प योग भी बनेगा। जिसका कुछ राशियों पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ सकता है।
शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त की बात कर तो हिंदू पंचांग के अनुसार प्रतिपदा तिथि 29 मार्च को शाम 4:27 से 30 मार्च को दोपहर 12:39 तक रहेगी। ऐसे में कलश स्थापना का सबसे उपयुक्त समय सुबह 6:15 से 10:20 के मध्य है और दोपहर 11:52 से 12:15 के बीच रहने वाला है।
मां शैलपुत्री की पूजा का विधान
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ ही प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है। पर्वत राज हिमालय की पुत्री होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा है। इन्हें श्वेत रंग बेहद पसंद है। ऐसे में यदि आप श्वेत रंग धारण करते हैं तो आप को संभावित लाभ मिलने की संभावना है।
घर में न रखें यह चीजें
- नवरात्रि के दौरान कई लोग पिछले वर्ष की स्थापित की गई पुरानी प्रतिमा को ही दोबारा स्थापित कर लेते हैं। यह गलत परंपरा मानी जाती है। जिससे वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है और पूजा भी खंडित मानी जाती है। ऐसे में यदि आपके पास मां दुर्गा की पुरानी मिट्टी की प्रतिमा है तो उसे घर में ना रखें। इसके बजाय चैत्र नवरात्रि पर नई प्रतिमा लेकर आए और उसी के प्राण प्रतिष्ठा कर उनकी पूजा अर्चना करें।
- यदि घर में अन्य देवी देवता की कोई खंडित मूर्ति है तो उसे भी घर से बाहर कर दे अन्यथा पवित्र नदी में विसर्जित कर दें। नवरात्रि के दिनों में घर में लोहे प्लास्टिक और स्टील जैसे धातु से बनी ऐसे सामान, जिसका उपयोग नहीं हो रहा हो उसे घर से बाहर कर दें। धर्मशास्त्र के अनुसार इन धातुओं को अशुद्ध माना जाता है ।अगर इनसे जुड़ी कोई वस्तु घर में कबाड़ के रूप में पड़ी रहती है तो माता रानी को घर में प्रवेश करने से यह धातु उन्हें रोकते हैं और इसमें नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- इसके अलावा आपके घर में सुबह का सामान आधा अधूरा पड़ा हो तो उसे पूर्ण करें या घर के बाहर कर दें ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि माना जाता है कि नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा को सोलह सिंगार का सामान अर्पित किया जाता है। सुहागन महिलाओं के लिए नवरात्रि के दिनों में घर में संपूर्ण सोलह सिंगार की वस्तुएं रखना शुभ माना जाता है। इससे उन्हें अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है और जीवन में सुख शांति से वह परिपूर्ण रहती हैं।
Note : यह आलेख सामान्य जानकारी पर आधारित है। Ghamasan.com इसकी पुष्टि नहीं करते हैं। किसी भी जानकारी के लिए ज्योतिष आचार्य से संपर्क अवश्य करें।