गुरु अस्त होने से मांगलिक कार्यों पर लगा ब्रेक, जानें अब कब बजेगी शहनाई?

8 जून 2025 को विवाह का अंतिम शुभ मुहूर्त था, जिसके बाद 145 दिनों तक गुरु ग्रह के अस्त और चातुर्मास के कारण सभी मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे। अब विवाह और शुभ कार्य 1 नवंबर 2025, देवउठनी एकादशी से फिर शुरू होंगे।

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हिंदू पंचांग और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वर्ष 2025 के जून माह में विवाह के शुभ अवसरों की समाप्ति हो गई है। 8 जून को साल की अंतिम विवाह तिथि थी, जिसके बाद अब 145 दिनों तक कोई भी मांगलिक कार्य जैसे शादी, सगाई या गृह प्रवेश नहीं किए जाएंगे। इसके पीछे ज्योतिषीय कारणों में से एक प्रमुख कारण है देवगुरु बृहस्पति (गुरु ग्रह) का अस्त होना।

12 जून 2025 से गुरु ग्रह मिथुन राशि में अस्त हो गए हैं। हिन्दू परंपरा में गुरु ग्रह को विवाह और अन्य शुभ कार्यों का कारक माना गया है। जब तक गुरु ग्रह उदित नहीं होते, तब तक मांगलिक कार्यों को टालना ही उचित माना जाता है। गुरु ग्रह के अस्त रहते हुए शुभ कार्य करने से उनकी पूर्ण कृपा नहीं मिलती और कार्य में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं।

चातुर्मास के चलते नवंबर तक नहीं होंगे शुभ मुहूर्त

भले ही गुरु 9 जुलाई को पुनः उदित हो जाएंगे, लेकिन इसी बीच 6 जुलाई से देवशयनी एकादशी के साथ चातुर्मास की शुरुआत हो जाएगी। चातुर्मास एक ऐसा समय होता है जब भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं और धर्मशास्त्र के अनुसार इस अवधि में कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य करना निषेध होता है। यह अवधि लगभग चार महीने तक चलती है और इसका समापन देवउठनी एकादशी के दिन यानी 1 नवंबर 2025 को होगा।

कब से दोबारा शुरू होंगे विवाह योग?

1 नवंबर 2025 को देवउठनी एकादशी के साथ चातुर्मास समाप्त हो जाएगा। इसी दिन से एक बार फिर मांगलिक कार्य जैसे विवाह, सगाई, गृह प्रवेश और यज्ञोपवीत जैसे संस्कारों के लिए शुभ समय आरंभ होगा। इस दिन के बाद से विवाह का सीजन फिर से शुरू हो जाएगा और शहनाइयों की गूंज एक बार फिर सुनाई देगी।

गुरु अस्त के दौरान किन कार्यों से बचें?

गुरु ग्रह के अस्त होने की अवधि में केवल विवाह ही नहीं, बल्कि अन्य कई कार्यों से भी बचाव करना चाहिए। इनमें सगाई, गृह प्रवेश, यज्ञोपवीत संस्कार, भवन निर्माण की शुरुआत, नया व्यापार आरंभ करना, नामकरण संस्कार या कोई नई योजना लागू करना शामिल है। ऐसी मान्यता है कि इस अवधि में भगवान विष्णु की कृपा सीमित हो जाती है और शुभ कार्यों में विघ्न आ सकते हैं।

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