हिंदू धर्म में स्नान को शुद्धि और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर एक महत्वपूर्ण कर्म माना गया है। चाहे पूजन हो या ध्यान, शास्त्रों के अनुसार इन सभी का आरंभ स्नान के पश्चात ही किया जाना चाहिए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि केवल स्नान ही नहीं, बल्कि यदि आप नहाने के जल में कुछ विशेष वस्तुएं मिलाएं तो यह आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।
ज्योतिष शास्त्र कहता है कि इस साधारण से दिखने वाले उपाय से आपकी कुंडली के नौ ग्रहों का दोष शांत हो सकता है और उनका सकारात्मक प्रभाव बढ़ सकता है। आइए विस्तार से जानें, किस ग्रह के दोष को दूर करने के लिए किस वस्तु का प्रयोग करें।

सूर्य दोष के लिए जल में मिलाएं तेजस्वी तत्व
यदि आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर है या उसके कारण आपको आत्मबल की कमी, सरकारी कार्यों में बाधा या पिता से संबंधित समस्याएं हो रही हैं, तो स्नान के पानी में मुलेठी, इलायची, केसर, कनेर या देवदारू का बुरादा मिलाएं। ये तत्व सूर्य की ऊर्जा को सक्रिय कर आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता में वृद्धि करते हैं।
चंद्रमा के लिए स्नान में मिलाएं शीतल और शांति देने वाले पदार्थ
चंद्रमा मन और भावनाओं का प्रतीक है। यदि यह ग्रह अशांत हो, तो मानसिक तनाव, बेचैनी या नींद की समस्या हो सकती है। इसे शांत और सशक्त बनाने के लिए अपने नहाने के पानी में सफेद चंदन, गुलाब की पंखुड़ियां, खिरनी की जड़, पंचगंध, शंख और सीप मिलाएं। ये सभी वस्तुएं मानसिक संतुलन और भावनात्मक स्थिरता प्रदान करती हैं।
मंगल दोष के लिए करें अग्नि तत्व से संतुलन
मंगल ग्रह शक्ति, साहस और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है। यदि यह अशुभ हो, तो क्रोध, दुर्घटनाएं या कोर्ट-कचहरी के मामले परेशान कर सकते हैं। अपने स्नान जल में लाल चंदन, लाल फूल, अनंत मूल, बेल की छाल और माल कंगनी मिलाएं। ये सामग्रियां मंगल की उग्रता को संतुलित कर सकारात्मक प्रभाव देती हैं।
बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए जल में मिलाएं मीठे और सुगंधित तत्व
बुद्धि, वाणी और व्यापार के कारक बुध ग्रह को अनुकूल बनाने के लिए शहद, चावल, जायफल और गोरोचन को स्नान के पानी में मिलाएं। इससे वाणी में मधुरता, संचार कौशल और निर्णय लेने की क्षमता में सुधार होता है।
गुरु ग्रह के प्रभाव को बढ़ाने के लिए अपनाएं ये उपाय
गुरु ग्रह ज्ञान, धर्म और सम्मान का कारक है। इसे सशक्त करने के लिए स्नान जल में गूलर, सफेद सरसों, भारंगी और मालती के फूल मिलाएं। हल्दी और केसर का प्रयोग भी विशेष रूप से लाभदायक है। यह उपाय जीवन में स्थायित्व, आध्यात्मिक उन्नति और सही मार्गदर्शन दिलाता है।
शुक्र दोष दूर करने के लिए करें सुगंध और सौंदर्य का प्रयोग
शुक्र प्रेम, सौंदर्य, विलासिता और भोग का प्रतिनिधि है। इसे अनुकूल बनाने के लिए नहाने के पानी में जायफल, इलायची, कच्चा दूध और मूली के बीज मिलाएं। यह उपाय जीवन में सुख-सुविधाएं, प्रेम संबंधों की मिठास और आकर्षण बढ़ाने में सहायक होता है।
शनि ग्रह को शांत करने के लिए अपनाएं ये सरल उपाय
शनि ग्रह कर्म, अनुशासन और न्याय का प्रतीक है। यदि यह कष्टदायक स्थिति में हो, तो जीवन में विलंब, संघर्ष और मानसिक तनाव होता है। इसे शांत करने के लिए स्नान जल में काला तिल, सरसों के दाने और अमरबेल मिलाएं। यह उपाय शनि के नकारात्मक प्रभाव को कम करता है और संयम व स्थिरता बढ़ाता है।
राहु के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए करें सुगंधित धूप का उपयोग
राहु एक छाया ग्रह है, जो भ्रम, आकस्मिक बदलाव और मानसिक अस्थिरता देता है। इसे नियंत्रित करने के लिए जल में लोबान, देवदार और कस्तूरी जैसी सुगंधित वस्तुएं मिलाएं। यह उपाय नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और मन को स्थिर करता है।
केतु दोष को शांत करने के लिए जल में मिलाएं विशिष्ट जड़ियाँ
केतु भी एक छाया ग्रह है, जो रहस्य, आध्यात्मिकता और अचानक होने वाली घटनाओं से जुड़ा है। यदि यह अशुभ हो, तो मानसिक भ्रम, दुर्घटनाएं या आत्मसंशय हो सकता है। इसके प्रभाव को अनुकूल करने के लिए स्नान जल में लोबान, देवड़ा और लाल चंदन मिलाएं। यह उपाय केतु के अशुभ प्रभाव को दूर कर अध्यात्म की ओर अग्रसर करता है।
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