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सिद्धि तप के 10 तपस्वियों का निकलेगा 22 अगस्त को वरघोड़ा

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By Bhawna ChoubeyPublished On: August 21, 2023

सिद्धि तप के 10 तपस्वियों का निकलेगा वरघोड़ा 22 अगस्त को प्रातः 8:30 बजे तत्पश्चात होगा। संगीता राजकुमार ललवानी सहित 10 तपस्वियों के सम्मान में चौबीसी एवं स्वधर्मी वात्सल्य का आयोजन सुरभि गार्डन ए.बी. रोड पर होगा। परमात्मा तक पहुँचने के चार प्रवेश द्वार – दान, शील, तप एवं भाव मुनिराज ऋषभरत्नविजयजी ने बताया कि जब परमात्मा समोसरण में धर्म की देशना देते हैं तब वे चारों दिशाओं से दिखाई देते है, एक तरफ तो भगवान स्वयं होते हैं एवं तीन ओर उनका प्रतिबिंब होता है जिससे सभी प्राणी देशना का लाभ ले सकें। परमात्मा के जिन शासन के महल में प्रवेश के चार द्वार होते हैं दान, शील, तप एवं भाव।

सिद्धि तप के 10 तपस्वियों का निकलेगा 22 अगस्त को वरघोड़ा

सिद्धि तप के 10 तपस्वियों का निकलेगा 22 अगस्त को वरघोड़ा

पहला दान – जो दिया जाये जैसे अभय दान, सुपात्र दान, अनुकंपा दान।
दूसरा शील – नियमों एवं आचारों का पालन, कर्तव्य निष्ठा।
तीसरा तप – आत्मा पर लगे कर्मों को तपाना एवं इंद्रियों के विषयों का दमन।
चौथा भाव – दान, शील, तप आदि कोई भी क्रिया भाव पूर्वक होना चाहिये।
आज श्री सिद्धि तप एवं बीस विहरमान तप के तपस्वियों का सम्मान एवं बहुमान है अतः तप धर्म पर प्रवचन हैं। तप दो प्रकार के होते है एक बाह्य तप दूसरा अभ्यंतर तप।

1. बाह्य तप – बाह्य तप के छः प्रकार होते है :-

(1) अनशन – अर्थात अन्न एवं जल का त्याग। अपने धर्म शस्त्रों में अधिकतम 180 दिन के अनशन की आज्ञा है एवं अधिक से अधिक एक साथ 16 दिन के उपवास के पच्चखान किये जाते हैं।

(2) उनोंद्री – अपनी क्षमता से कुछ कम भोजन ग्रहण करना या भरपेट भोजन नहीं करना भी तप है। श्रावक को एक दिन में अधिकतम 32 कौर (निवाला) और महिला को 28 कौर की पात्रता है।

(3) वृत्ति संक्षेप – अधिक संख्या में भोज्य पदार्थ होने पर भी सीमित का संकल्प लेना जैसे एक दिन में केवल 10 या 15 पदार्थ का उपभोग करना।

(4) रस त्याग – छः विगय दूध, दही, घी, तेल, गुड़ और कढ़ाई (पकवान) या कम से कम एक विगय का त्याग करना।

(5) काया क्लेश – शरीर को कष्ट देना जैसे केश लोचन, नियम पूर्वक गिरिराज की धार्मिक यात्रा।

(6) संलिनता – एक स्थान पर बिल्कुल स्थिर होना जैसे स्वाध्याय, सामायिक, ध्यान करना।

मुनिवर का नीति वाक्य –
“ हारेगा कर्मों को थक्का जब लगेगा प्रभु देशना का चौका और तप का छक्का”
राजेश जैन युवा ने बताया की आज सिद्धि तप एवं बीस विहरमान तप के तपस्वियों का बहुमान सकल संघ के सहयोग से लाभार्थी मोहनबेन, मुकेश, मनोज पोरवाल द्वारा किया गया। सम्मान एवं बहुमान से सभी तपस्वियों को बहुत गर्व का अनुभव हुआ। अमित कोठारी ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया व इस दौरान दिलीप शाह ने सभी तपस्वियों की जानकारी देकर उत्साह बड़ाया। इस अवसर पर तपस्वियों के परिवारजन, वीरेन्द्र बम, संदीप पोरवाल, सुरेन्द्र रांका, राजकुमारी कोठारी (बनारस साड़ी), दिव्या शाह, सुनीता पोरवाल,प्रियंका रांका कई पुरुष, महिलायेँ एवं बच्चे उपस्थित थे।
राजेश जैन युवा
94250-65959