कई किलोमीटर लम्बी कतारें…बैलगाड़ियों पर ले जातें थे कमाई, कहानी ”रामायण” पर बनी पहली फिल्म की…

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भारत में धार्मिक विषयों पर फिल्म बनाने का प्रचलन बहुत पुराना है। ऐसे में भगवान राम पर भी कई फिल्म बन चुकी है। इतना ही नही भारत की पहली फिल्म राजा हरीशचंद्र भी भगवान राम पर आधारित थी । ऐसे ही रामायण पर बनी पहली लंका दहन फिल्म की रोचक कहानी है। इस साइलेंट फिल्म को दादा साहेब फाल्के ने डायरेक्ट किया था।

फिल्म की खास बात ये थी कि,इसमें राम और सीता की भूमिका एक ही एक्टर ने निभाई थी ,जिनका नाम अन्ना सालुंके था। उस दौर में महिलाएं फिल्मों में काम करने से कतराती थीं, इसलिए अन्ना सालुंके ने फिल्म में दो किरदार निभाए। हलांकि आज भी हिंदी सिनेमा के इतिहास में कोई ऐसी फिल्म नहीं है जिसमें हीरो और हीरोइन दोनों का रोल एक ही व्यक्ति ने निभाया हो।

फिल्म देखने के लिए लोगों की उमड़ती थी भीड़
फिल्म लंका दहन का उस समय इतना क्रेज था कि पर्दे लोगों की लम्बी लम्बी कतारे लगती थी। रामायण की कहानी देखना लोगों के लिए इतना बेहतरीन अनुभव था, कि लोगों ने इसे ही सच मान लिया।इतना ही नही लोग सिक्कों से टॉस करके ये तय करते थे ,कि टिकट किसे मिलेगी।

सिनेमाघरों के बाहर उतारे जाते थे जूते-चप्पल
भगवान राम की श्रध्दा से लोग इतने प्रभावित थे, कि सिनेमाघरों के बाहर जूते-चप्पल उतार के जातें थे। लोगों ने सिनेमाघरों को मंदिर समझ लिया। लोग बिना जूतों के अंदर जाते और हाथ जोड़कर बैठते। फिल्म के कलेक्सन की बात करें तो कमाई बैलगाड़ी पर रख कर आफिस ले जाना पड़ता था ।