नई दिल्ली : पीएम मोदी ने आज लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में हिस्सा लिया. कोरोना महमारी के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस कार्यक्रम में शिरकत की. पीएम ने इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय को अपनी शैक्षणिक सीमाओं के अंतर्गत आने वाले जिलों में स्थानीय कौशल, स्थानीय उत्पादों से संबंधित पाठ्यक्रमों और कौशल विकास का विश्लेषण अवश्य करना चाहिए. उन्होंने माना कि यह बढ़ आवश्यक होता है और इससे विश्वविद्यलय को फ़ायदा ही मिलेगा.
पीएम ने अपने सम्बोधन में विश्वविद्यालय को 100 वर्ष पूर्ण होने पर शुभकामनाएं दी और कहां कि 100 वर्ष का समय महज एक आंकड़ा नहीं है, यह एक इतिहास है, यह एक जीता जागता उदाहरण है. यहां से जितने भी नाम निकले हैं, उन सभी को मैं वंदन करता हूं.
लखनऊ विवि की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, इस विश्वविद्यालय के 100 सालों के सफर में कई लोगों ने अपना अमूल्य योगदान प्रदान किया है. यहां से निकले लोग देश के राष्ट्रपति पद तक पहुंचे हैं, तो किसी ने राज्यपाल का पद संभाला. पीएम ने माना कि लखनऊ विश्वविद्यालय ने हर क्षेत्र में अपना परचम लहराया है.
पीएम ने अपने संबोधन में आगे कहा कि ऊंचे संकल्पों, ऊंचे लक्ष्यों को साधने की एक बहुत बड़ी ऊर्जा भूमि भी विश्वविद्यालओं में होती है. विश्वविद्यालय महज उच्च शिक्षा के ही केंद्र नहीं होते हैं. शिक्षा में वह ताकत होती है जो हमारे भीतर की ताकत को जगा देती है.