साल 2022 ख़त्म होने को है इस साल पेट्रोल-डीजल की कीमतों के मोर्चे पर ज्यादा बदलाव देखने को नहीं मिला है. मई के बाद से देश के कई प्रमुख महानगरों में भाव जस के तस हैं यानी सात महीनों में देश के पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर बने हुए हैं. केवल कुछ शहरों में स्थानीय टैक्स, डीलर कमीशन के अलावा वैट आदि में बदलाव के चलते पेट्रोल-डीजल के दाम में कमी देखी गई है.
मध्यप्रदेश के भोपाल शहर में भी पेट्रोल 108.65 रुपये प्रति लीटर और डीजल 93.90 रुपये प्रति लीटर चल रहा है साथ ही देश के बड़े महानगरों में भी कई महीनो से ज्यादा कुछ बदलाव देखने को नहीं मिला है दिल्ली में पेट्रोल 96.72 रुपये प्रति लीटर, डीजल 89.62 रुपये प्रति लीटर कोलकाता में पेट्रोल 106.03 रुपये प्रति लीटर, डीजल 92.76 रुपये प्रति लीटर मुंबई- पेट्रोल 106.31 रुपये प्रति लीटर, डीजल 94.27 रुपये प्रति लीटर चेन्नई- पेट्रोल 102.63 रुपये प्रति लीटर, डीजल 94.24 रुपये प्रति लीटर
देश के अन्य प्रमुख शहरों में पेट्रोल-डीजल के ताजा रेट
बेंगलोर पेट्रोल 101.94 रुपये और डीजल 87.89 रुपये प्रति लीटर, हैदराबाद पेट्रोल 109.66 रुपये और डीजल 97.82 रुपये प्रति लीटर, लखनऊ पेट्रोल 96.57 रुपये और डीजल 89.76 रुपये प्रति लीटर
ऐसे तय होते है पेट्रोल डिजल के दाम
केंद्र सरकार पेट्रोल और डीज़ल पर एक्साइज ड्यूटी लगाती है. एक्साइज ड्यूटी एक तरह का अप्रत्यक्ष कर होता है, जो किसी प्रॉडक्ट के प्रॉडक्शन या फिर मैन्युफैक्चरिंग पर लगता है. प्रति लीटर डीज़ल और प्रति लीटर पेट्रोल पर ये एक निश्चित रकम होती है. यानि कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम घटें या फिर बढ़ें, केंद्र सरकार को उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. फिलहाल केंद्र सरकार की ओर से डीजल पर 31.83 रुपये एक्साइज वसूल किया जा रहा है, वहीं पेट्रोल पर एक्साइज 32.98 रुपये प्रति लीटर है.
केंद्र सरकार समय-समय पर इस एक्साइज ड्यूटी में बदलाव करती रहती है. आखिरी बार एक्साइज ड्यूटी में केंद्र सरकार ने 5 मई, 2020 को बदलाव किया है. पेट्रोल पर 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर ड्यूटी बढ़ाई गई है. इससे पहले 14 मार्च को केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर 3-3 रुपये प्रति लीटर एक्साइज के तौर पर बढ़ाए थे. और तब पेट्रोल पर कुल एक्साइज बढ़कर 22.98 रुपये प्रति लीटर हो गया था. वहीं डीज़ल पर कुल एक्साइज बढ़कर 18.83 रुपये हो गए थे. इस एक्साइज ड्यूटी में 0.50 रुपये प्रति लीटर रोड टैक्स भी शामिल है. यानि कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम घटें या फिर बढ़ जाएं, केंद्र सरकार को खास फर्क नहीं पड़ता है, क्योंकि उसका प्रति लीटर हिस्सा तय है.
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