मध्य प्रदेश को चीतों का घर बनाने के बाद अब जल्द ही गैंडों को बसाने की तैयारी की जा रही है। यानी अब एमपी में चीतों के बाद आने वाले पर्यटक एमपी में स्थित नेशनल पार्क्स में गैंडे का दीदार भी कर सकेंगे। इस संबंध में मध्य प्रदेश वन विभाग की ओर से भारतीय वन्यजीव संस्थान को पत्र लिखा है।
आपको बता दें, इस संबंध में मध्य प्रदेश स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने निर्देश दिए थे। देश के 3 राज्यों, जिनमें असम, प. बंगाल और उत्तर प्रदेश में गैंडे मौजूद हैं। इसके लिए एमपी वन विभाग ने देहरादून के वन्यजीव संस्थान से मदद मांगी है। प्रदेश में गेंडों को किस वातावरण में रखा जाए? कौन सी जगह अनुकूल आवास होगा? इस संबंध में भी भारतीय वन्यजीव संस्थान से सुझाव मांगे गए हैं।
आपको यह भी बता दें की पुरे देश में गेंडों की तादाद सबसे ज़्यादा असम राज्य में है। वहां उनकी संख्या करीब ढाई हजार के आसपास है। अगर देश भर की बात करें तो भारत में 2900 गेंडे हैं। यानी लगभग देशभर के कुल गैंडों का 80% सिर्फ असम में है। असम, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश गेंडों की संख्या सबसे ज़्यादा है। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश को चौथे स्थान पर लाने की तैयारी की जा रही है।