150 की मोदी वैक्सीन शिवराज को 400 में

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By Mohit DevkarPublished On: May 12, 2021

अभी 28 अप्रैल को जब देश में कोरोना की दूसरी घातक लहर पीक चढ़ रही थी तब मोदी सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट को 11 करोड़ कोविशिल्ड का ऑर्डर दिया और 157 रुपए 50 पैसे जीएसटी सहित प्रति डोज के मान से 1732 करोड़ 50 लाख में से टीडीएस काट 1699.50 करोड़ अग्रिम दिए.. इसी तरह भारत बायोटेक को 5 करोड़ कोवैक्सीन डोज के ऑर्डर दिए और 787 करोड़ 50 लाख की राशि में से टीडीएस काट 772.50 करोड़ का भुगतान किया…यानी 16 करोड़ डोज के लिए 2472 करोड़ रुपए पीएम केयर फंड से चुकाए… अब आप यहाँ विसंगति देखिए कि यही कोविशिल्ड वैक्सीन मप्र की शिवराज सरकार 400 रुपए प्रति डोज के हिसाब से खरीद रही है…यानी मोदी वैक्सीन 150 और शिवराज वैक्सीन 400 रुपए में पड़ रही है..अभी 45 लाख कोविशिल्ड डोज के ऑर्डर शिवराज सरकार ने पिछले दिनों दिए और इसके एवज में 180 करोड़ रुपए खर्च किए….18 से 44 साल की आबादी मध्यप्रदेश में 3 करोड़ 40 लाख बताई गई है ,जिनको वैक्सीन लगाने पर शिवराज सरकार 2710 करोड़ खर्च करेगी वही इससे कम यानी 2472 करोड़ में मोदी सरकार 16 करोड़ डोज हासिल करेगी और ये डोज अभी मई, जून और जुलाई अंत तक मिलेंगे… यानी केन्द्र की तुलना में राज्यों को दो गुना से अधिक राशि खर्च करना पड़ रही है…कोविशिल्ड और कोवैक्सीन ने हालांकि बाद में रेट 300 और 400 किये..जबकि इसका आसान फार्मूला यह था कि केन्द्र सरकार सीधे दोनों कम्पनियों से 150 के रेट पर वैक्सीन खरीदती और राज्यों को उनकी मांग के अनुरूप भिजवा देती , ये व्यवस्था 1 मई के पहले थी भी.. केन्द्र राज्यों को दी जाने वाली वैक्सीन की राशि उसके द्वारा दिए जाने वाले किसी भी फंड से काट लेता तो राज्य सरकारों पर आर्थिक बोझ नहीं पड़ता और वैक्सीन भी सस्ती मिलती …आखिरकार ये पैसा भी तो जनता का ही है , जो निजी कंपनियों के खजाने में जा रहा है.. अब केंद्र के ऐसे मूर्खतापूर्ण निर्णयों पर अगर सुप्रीम कोर्ट दखल ना दे तो क्या करे..? समझ से परे है कि मोदी सरकार निजी वैक्सीन निर्माता कम्पनियों की पैरोकार बन राज्यों से क्यों अधिक राशि दिलवा रही है..? शिवराज तो कुछ बोल नहीं सकते , कांग्रेस सरकार होती तो धरने पर बैठ जाते , यहाँ मोदी जी के सामने मुँह कैसे खोले ..? वैक्सीनेशन के ढ़ोल में ऐसी पोलपट्टी पढ़ते रहिये…!


राजेश ज्वेल