Delhi: फटाका बैन पर बोले केजरीवाल, यह हिंदू-मुस्लिम की बात नहीं, सभी के लिए सांस जरूरी

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Delhi : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पटाखों पर लगे बैन को लेकर विवाद बढ़ गया है, और इसे हिंदू विरोधी करार दिया जा रहा है। इस संदर्भ में, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट की भी सलाह है कि दिवाली पर पटाखों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। दिवाली रोशनी का त्योहार है, और इसमें किसी पर एहसान नहीं किया जा रहा है। केजरीवाल ने स्पष्ट किया कि प्रदूषण का असर हमारे बच्चों पर पड़ेगा और यह मुद्दा धार्मिक भेदभाव से परे है; सभी की सांसें महत्वपूर्ण हैं।

सफाई कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण कदम

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली नगर निगम (MCD) और मेयर ने सफाई कर्मचारियों के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 18 वर्षों से किसी भी कर्मचारी को समय पर वेतन नहीं मिल रहा था और उन्हें धरना प्रदर्शन करना पड़ता था। उन्होंने आरोप लगाया कि धन का बड़ा हिस्सा भ्रष्टाचार में चला जाता था। लेकिन उनकी सरकार के तहत पिछले दो सालों में सफाई कर्मचारियों को समय पर वेतन मिल रहा है।

बोनस का ऐलान

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस महीने 7 नवंबर को कर्मचारियों को वेतन मिलने वाला था, लेकिन उन्होंने पहले ही 64,000 कर्मचारियों के खातों में वेतन और बोनस भेज दिया है। यह लगभग 23 करोड़ रुपये का बोनस है। केजरीवाल ने कहा कि यह MCD के इतिहास में पहली बार हुआ है और इसका श्रेय ईमानदार सरकार को दिया गया है।

आयुष्मान योजना पर सवाल

वहीं, केजरीवाल ने केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह केवल उनकी बात नहीं है, बल्कि Comptroller and Auditor General (CAG) की रिपोर्ट में भी इसका जिक्र है कि इस योजना में घोटाला हुआ है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत इलाज केवल तब होगा जब मरीज भर्ती होगा, लेकिन दिल्ली में भर्ती होने की कोई शर्त नहीं है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में सभी चिकित्सा सेवाएं जैसे दवाएं, परीक्षण और इलाज मुफ्त हैं, इसलिए आयुष्मान योजना की यहां कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया कि वे दिल्ली की स्वास्थ्य योजना का अध्ययन करें और इसे पूरे देश में लागू करें।

इस प्रकार, केजरीवाल का बयान न केवल पटाखों के बैन पर है, बल्कि उन्होंने सफाई कर्मचारियों के लिए किए गए प्रयासों और स्वास्थ्य योजनाओं में सुधार की भी चर्चा की।