नई दिल्ली। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने ट्विटर इंक द्वारा दायर उस याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया। ट्विटर ने कुछ लोगों के अकाउंट, ट्वीट और URL ब्लॉक करने के केंद्र सरकार के आदेश को कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने ने केवल माइक्रोब्लॉगिंग साइट की याचिका खारिज की बल्कि कंपनी पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
इसे 45 दिनों के भीतर कर्नाटक राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा कराने का आदेश दियाय। सुनवाई करते हुए जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित ने कहा कि ट्विटर को सरकार के आदेशों का पालन करना चाहिए था। न्यायालय ने ट्विटर से कहा है कि सरकार के पास ब्लॉकिंग ऑर्डर जारी करने की शक्ति है। कोर्ट ने ट्विटर को फटकार लगाते हुए कहा कि आप कोई किसान नहीं बल्कि अरबों रुपये की कंपनी हो।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, अदालत हमारे रुख पर कायम है। देश के कानून का पालन किया जाना चाहिए। अदालत को वजह भी नहीं बताई कि केंद्र का ट्वीट ब्लॉक करने का आदेश क्यों नहीं माना। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा है कि कंपनी की याचिका योग्यता से रहित थी। हाईकोर्ट ने कहा, जिसका ट्वीट ब्लॉक कर रहे हैं, उसे कारण बताएं। साथ ही यह भी कि यह प्रतिबंध कुछ समय के लिए है या फिर अनिश्चित काल के लिए।