इंदौर: मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा आरंभ किये गये स्वास्थ्य आग्रह सत्याग्रह के जमीनी स्तर पर सफल क्रियान्वयन के लिये जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट की विशेष पहल पर बुधवार को रेसीडेंसी कोठी में शिक्षा, चिकित्सा एवं सामाजिक क्षेत्र के प्रमुख व्यक्तियों की बैठक आहूत की गई। इस बैठक के लिये मंत्री सिलावट ने सभी शिक्षाविदों को स्वयं फोन कर आमंत्रित किया था। इस अवसर पर पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर, महेन्द्र हार्डिया,मनोज पटेल, राजेश सोनकर सुदर्शन गुप्ता, मधु वर्मा, गौरव रणदिवे, संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा, आईजी हरिनारायणचारी मिश्र, कलेक्टर मनीष सिंह, डीआईजी मनीष कपूरिया, देवी अहिल्या विश्व विद्यालय की कुलपति डॉ. रेणु जैन, अरविंदो अस्पताल प्रमुख डॉ. विनोद भण्डारी सहित संबंधित क्षेत्रों के प्रमुख व्यक्ति उपस्थित रहे।
बैठक का मुख्य उद्देश्य कोरोना संक्रमण की रोकथाम हेतु शिक्षाजगत के प्रमुख व्यक्तियों के सहयोग से वृहद व्यापक जन जागरण कर सकारात्मक वातावरण का निर्माण किया जाये। इंदौर के नागरिकों को वैक्सीन लगाने एवं “मैं कोरोना वॉलेंटियर” अभियान में वॉलेंटियर बन कोरोना मुक्त इंदौर के निर्माण के लिये प्रेरित किया जाये। आज की इस बैठक में मंत्री श्री सिलावट ने शिक्षाविदों तथा विभिन्न समाज प्रमुखों से शासन एवं प्रशासन द्वारा कोविड के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान को जनआंदोलन का रूप देने का आह्वान किया।
इंदौर के संकल्प से प्रदेश को मिलेगी दिशा – मंत्री सिलावट
बैठक में मंत्री सिलावट ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान प्रदेश की जनता की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिये सत्याग्रह कर रहें हैं। उनके इस महायज्ञ में आप सभी का सहयोग प्राप्त हो सके, इसी भावना से आज की यह बैठक आयोजित की गई है। उन्होंने कहा कि इंदौर का संकल्प प्रदेश को दिशा देता है। इसलिये कोरोना काल की इस गंभीर परिस्थिति में आप सभी का साथ एवं सहभागिता अति आवश्यक है।
उन्होंने उपस्थित व्यक्तियों के माध्यम से जिले में जन जागृति निर्मित करने का आह्वान करते हुये कहा कि कोरोना का केवल एकमात्र इलाज वैक्सीनेशन है। इसलिये समाज के सभी प्रमुख व्यक्ति अपने-अपने संबंधित क्षेत्रों में लोगों को कोविड का टीका लगाने के लिये प्रेरित करें। मास्क का उपयोग एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हम सभी अपने स्तर पर करें एवं ओरों को भी इसका पालन करने के लिये प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि जिस तरह से शिक्षकगण शिक्षा के माध्यम से समाज को एक नई दिशा प्रदान करते हैं। उसी तरह अब वे कोरोना की रोकथाम के लिये लोगों को समझाईश देकर इस महा अभियान को एक नई दिशा प्रदान करें।
कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने पर प्रशासन करे सख्त कार्रवाई – मंत्री उषा ठाकुर
मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि कोरोना के विरूद्ध इस अभियान में आप सभी शिक्षाविदों की महत्वपूर्ण भूमिका हैं। आपके माध्यम से समाज के युवा वर्ग को प्रेरित कर इस संक्रमण को रोकने में एक बहुत बड़ा योगदान मिल सकता है। उन्होंने कहा कि यहां उपस्थित गणमान्य व्यक्ति आज यह प्रण लें की वे खुद भी वैक्सीनेशन करवायेंगे और अन्य लोगों को भी इसके लिये प्रेरित करेंगे। सभी शिक्षक अपने छात्रों को वैक्सीनेशन के लिये ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्रोत्साहित करने का कार्य एक प्रोजेक्ट के रूप में दे सकते है।
उन्होंने कहा कि कोरोना का संकट यह संकेत देता है कि हमे अपने जीवनशैली में एक बड़े बदलाव की जरूरत है। इसलिए अब समय आ गया है कि हम वैदिक जीवन पद्धति को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाये। मंत्री ठाकुर ने कहा कि सकारात्मक वातावरण का निर्माण मानसिक तनाव को दूर करने के लिये अतिआवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि अनुशासन कोविड की रोकथाम के लिये बेहद जरूरी है, यदि कोई व्यक्ति कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर अनुशासनहीनता करता है तो प्रशासन द्वारा उसे कोई रियायत ना बरती जाये।
*कोविड से बचाव हेतु 45 वर्ष के आयु वर्ग के व्यक्तियों का
वैक्सीनेशन अनिवार्य – संभागायुक्त डॉ. शर्मा*
बैठक में संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने कहा कि इंदौर में वर्तमान में 74 प्रतिशत कोविड मरीज 45 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के हैं। उन्होंने बताया कि विशलेषण में पाया गया है कि पिछले 15 दिवस में कोविड के कारण हुई 27 मृत्यु में से 25 मृत व्यक्तियों की आयु 45 वर्ष या उससे अधिक रही। इसलिए 45 वर्ष के आयु वर्ग का वैक्सीनेशन कराना अनिवार्य है। उन्होंने उपस्थित व्यक्तियों से अपील करते हुये कहा कि ज्यादा से ज्यादा नागरिकों को वैक्सीनेशन के लिये प्रेरित करना हमारा प्रमुख दायित्व बन गया है।
आईजी मिश्र ने कहा कि कोरोना की यह दूसरी लहर गत वर्ष से ज्यादा वृहद है। इसलिए आप सभी के सुझावों के अनुरूप हमें नागरिकों को सेल्फ लॉकडाउन का अनुसरण करने के लिये प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सेल्फ लॉकडाउन का मतलब है खुद पर संयम रखना एवं अनावश्यक रूप से आवगमन ना करना। इसके माध्यम से हम ना केवल खुद को बल्कि समाज को भी संक्रमण के खतरे से बचा सकते हैं।
संसाधनों की निरंतरता एक चुनौती – कलेक्टर सिंह
कलेक्टर सिंह ने कहा कि कोरोना के विरूद्ध इस लड़ाई में जनप्रतिनिधि तथा समाज के अन्य वरिष्ठ नागरिक अपनी हर संभव सहभागिता निभा रहें हैं। लेकिन हमारे पास उपलब्ध संसाधनों की क्षमता सीमित है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र एवं गुजरात में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के फलस्वरूप गत दिवस जिले में कोरोना के उपचार में उपयोग होने वाली दवाई रेमडेसिवीर तथा लिक्विड ऑक्सीजन की उपलब्धता में कमी देखी गई। उन्होंने कहा कि शासन और प्रशासन निरंतर रूप से संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे है पर आपके स्तर पर कोविड रोकथाम हेतु खूद पर संयम रख इस अभियान में अपना सहयोग प्रदान करना समय की आवश्यक मांग है।
शिक्षाविदों ने दिये महत्वपूर्ण सुझाव
बैठक में देवी अहिल्या विश्व विद्यालय की कुलपति डॉ. रेणु जैन ने कहा कि समाज के सभी वरिष्ठजनों को सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूकता का संदेश देकर इस जनआंदोलन का हिस्सा बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि देवी अहिल्या विश्व विद्यालय एनएसएस के सदस्यों के माध्यम से गांवों तक जागरूकता का संदेश पहुचाने का विशेष अभियान चलायेगा। अरविंदो अस्पताल के प्रमुख डॉ. विनोद भंडारी ने कहा कि अस्पतालों में नियमित मॉनिटरिंग कर ऑक्सीजन का लीकेज रोका जाये। इससे हम ऑक्सीजन वेस्टेज को रोक सकेंगे।
उन्होंने सुझाव दिया कि रेमडेसिवीर इंजेक्शन सिर्फ गंभीर रूप से प्रभावित मरीजों को लगाया जाये। साथ ही बेड क्षमता की पूर्ति हेतु डे-केयर सेंटर के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक किया जाये। इंडेक्स मेडिकल कॉलेज की डॉ. दीप्ति सिंह हाड़ा एवं मंयक भदौरिया ने कहा कि अस्मिटोमेटिक मरीजों को होम आईसोलेशन के लिये प्रेरित किया जाये। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति अपना इलाज कराने में सक्षम नहीं है, उनको विशेष तौर पर उपचार मुहैया कराया जाये। जिससे संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
सिख समाज के प्रतिनिधि रिंकू भाटिया ने कहा कि प्रशासन का सहयोग करते हुये समाज द्वारा गुरुद्वारों में भी वैक्सीनेशन केन्द्र लगाये जा रहे हैं। सांवेर शासकीय महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अनूपम जैन ने कहा कि होम क्वारंटाइन के संदर्भ में लोगों जागरूक किया जाये। एमराल्ड हाइट्स से मुकतेश सिंह ने कहा कि स्कूल के विद्यार्थियों के माध्यम से उनके अभिभावकों को जागरूक किया जाये।
एपीजे अब्दुल कलाम विश्व विद्यालय के प्राचार्य डॉ. राकेश पटेल ने कहा कि कोविड से बचाव के लिय हमे प्राकृतिक चिकित्सा को अपनाना चाहिए। इसी तरह अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा सुरेश सिलावट, इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. जी.एस पटेल और डॉ. मयंक सिंह भदौरिया, माता जीजाबाई शासकीय गर्ल्स पीजी कॉलेज के डॉ. मनोहरदास सोमानी, होलकर साइंस कॉलेज के डॉ. रजनीश जैन और डॉ. जी.डी. गुप्ता, राऊ शासकीय कॉलेज के डॉ. एन.डी. राजपूत, कल्पवृक्ष कोचिंग के महेन्द्र कुमार जैन एवं विजीत जैन, शिशुकुंज स्कूल से एम.के. ठाकुर, आईपीएस एकेडमी इंदौर से नेहा शर्मा, प्रेस्टिज एकेडमी के चेयरमेन डॉ. डेविश जैन आदि ने भी कोरोना सक्रंमण को फैलने से रोकने के लिये अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिये। बैठक के अंत में उमेश शर्मा ने आभार व्यक्त किया।