इंदौर: बिजली कंपनी व्यवस्था सुधार एवं उपभोक्ताओं से सतत संपर्क के चलते मप्रपक्षेविविकं की सीएम हेल्प लाइन में शिकायतें सतत घटते क्रम में है। शिकायत निवारण के संबंध में कंपनी अब जो जिले समाधान तेजी से करेंगे, उन्हें प्रशस्ती पत्र देगी, जो जिले लापरवाही बरतेंगे, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा।
मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर के मुख्य महाप्रबंधक संतोष टैगोर ने बताया कि प्रबंध निदेशक अमित तोमर के निर्देशानुसार सीएम हेल्प लाइन में आने वाली शिकायतों की सघन मानिटरिंग की जा रही है। बुधवार को पूरे मप्र में जहां शिकायतों की संख्या सात हजार के करीब है, वहीं मप्रपक्षेविविकं की 15 जिलों से संबंधित शिकायतें 935 है।
टैगोर ने बताया कि शिकायतें और कम करने के प्रयास हो रहे है, जहां की शिकायतें पहुंच रही है, वहां तेजी से समाधान कराया जा रहा है। अगले माह से तेजी से समाधान करने वाले जिलों को प्रबंध निदेशक के हस्ताक्षर वाला प्रशस्ती पत्र मिलेगा, वहीं जहां शिकायतों पर संज्ञान लेने में लापरवाही बरती गई, उनके प्रभारी अधिकारियों को नोटिस जारी किया जाएगा। टैगोर ने स्पष्ट किया कि फोर्स क्लोज करने के पहले अधिकारी स्वयं मामले को देखेगा, इसी के बाद निर्णय ले सकेगा। इससे एक ओर जवाबदेही बढ़ेगी, वहीं कंपनी के प्रति सकारात्मकता का माहौल भी तैयार होगा।
किस जिले की कितनी शिकायतें-
इंदौर 198, उज्जैन 111, देवास 107, मंदसौर 85, खंडवा 79, खरगोन 66, आगर 65, रतलाम 56, धार 50 शिकायतें है। सबसे कम आलीराजपुर 5, झाबुआ 7, बड़वानी जिले की सीएम हेल्प लाइन में शिकायतें 13 है।