क्या होती है क्वांटम घड़ी? ब्रिटेन ने खुफिया लैब में बनाई परमाणु घड़ी, बदल देगी जंग का मंजर

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By Srashti BisenPublished On: January 4, 2025

कल्पना कीजिए, एक ऐसी घड़ी जो समय को इतनी सटीकता से मापे कि एक करोड़ सालों में भी एक सेकंड का अंतर न आए। यह कोई काल्पनिक विचार नहीं है, बल्कि एक वास्तविकता है – एक क्वांटम घड़ी, जो भविष्य में समय मापने के तरीके को पूरी तरह बदल सकती है। ब्रिटेन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है, जहां देश की पहली क्वांटम घड़ी को तैयार किया जा रहा है। यह घड़ी केवल समय मापने का मानक नहीं बनेगी, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा, साइबर डिफेंस और नेविगेशन सिस्टम में भी क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।

क्या है क्वांटम घड़ी ?

क्वांटम घड़ी वह अत्याधुनिक उपकरण है जो पारंपरिक घड़ियों से पूरी तरह अलग है। यह घड़ी समय मापने के लिए क्वांटम मैकेनिक्स का उपयोग करती है, यानी परमाणुओं के ऊर्जा स्तरों में होने वाले परिवर्तनों को मापती है। इसे अब तक का सबसे सटीक समय मापने वाला यंत्र माना जाता है। यह तकनीक न केवल वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए वरदान है, बल्कि आधुनिक दुनिया की तकनीकी जरूरतों के लिए भी महत्वपूर्ण है, जैसे कि सैटेलाइट नेविगेशन, मोबाइल नेटवर्क और डिजिटल प्रसारण, जहां सटीक समय की आवश्यकता होती है।

पारंपरिक घड़ियों की सीमाएं

पारंपरिक घड़ियां, चाहे वे डिजिटल हों या एनालॉग, समय मापने में कुछ हद तक सटीक होती हैं, लेकिन इनमें लगातार अंतराल आता है। जैसे-जैसे समय बीतता है, इन घड़ियों में हर महीने कुछ सेकंड का अंतर हो सकता है। यह अंतर वायुमंडलीय दबाव, तापमान और चुंबकीय क्षेत्रों के कारण होता है, जो घड़ी के मापने की सटीकता को प्रभावित करते हैं।

यहां तक कि अंतरिक्ष अन्वेषण और उन्नत नेविगेशन प्रणालियों में भी पारंपरिक घड़ियां पर्याप्त नहीं होतीं। इसी कारण क्वांटम घड़ी का विकास एक गेम चेंजर साबित हो सकता है।

क्वांटम तकनीक पर दुनिया भर का ध्यान

क्वांटम तकनीक का इतिहास 20वीं सदी के प्रारंभिक वर्षों से जुड़ा है, जब माक्स प्लांक और अल्बर्ट आइंस्टाइन ने ऊर्जा और प्रकाश के कणों पर शोध किया। इसके बाद, 1980 के दशक में क्वांटम कंप्यूटिंग का विचार सामने आया। अब यह तकनीक न केवल कंप्यूटरों और संचार प्रणालियों में क्रांति ला रही है, बल्कि घड़ियों और समय मापने की प्रणाली को भी नए आयाम दे रही है।

वर्तमान में, अमेरिका, चीन और कई अन्य देश क्वांटम अनुसंधान और विकास में भारी निवेश कर रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में इस तकनीक में लगभग 20 अरब डॉलर का निवेश किया गया है। 2022 में, क्वांटम मैकेनिक्स पर किए गए अनुसंधान के लिए नोबेल पुरस्कार भी दिया गया था, जो इस क्षेत्र की महत्ता को साबित करता है।

GPS पर निर्भरता में कमी

ब्रिटेन की रक्षा मंत्रालय की फंडिंग से विकसित होने वाली यह क्वांटम घड़ी जीपीएस पर निर्भरता को कम करने में मदद करेगी। जैसा कि हम जानते हैं, जीपीएस सिग्नल्स को बाधित या ब्लॉक किया जा सकता है, जो सुरक्षा और नेविगेशन प्रणालियों के लिए खतरे का कारण बन सकता है। क्वांटम घड़ी इन समस्याओं का समाधान प्रदान करेगी और समय मापने में एक नए युग की शुरुआत करेगी।

बदल देगी जंग का मंजर

यह क्वांटम घड़ी दुनिया की पहली नहीं है, लेकिन ब्रिटेन द्वारा विकसित यह घड़ी अपनी तरह की पहली होगी। इसका उद्देश्य रक्षा, सुरक्षा, और नागरिक उपयोग में क्रांतिकारी बदलाव लाना है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इसे अगले पांच वर्षों में सेना में तैनात किया जा सकता है। इसके बाद, इसे छोटे और बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए तैयार किया जाएगा, ताकि यह विभिन्न सैन्य वाहनों, हवाई जहाजों और अन्य उच्च-तकनीकी उपकरणों में उपयोग हो सके।