मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू) के परिसर में आयोजित गोरखपुर पुस्तक महोत्सव 2025 का उद्घाटन किया। यह पुस्तक मेला 1 नवंबर से 9 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम का संयोजन नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) और डीडीयू विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है।
उद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बच्चों को पुस्तकें भेंट कीं और स्कूली विद्यार्थियों से आत्मीय संवाद किया। उन्होंने कहा कि अच्छी पुस्तकें व्यक्ति की सबसे विश्वसनीय मार्गदर्शक और सच्ची सहचर होती हैं। भारत की श्रवण और गुरु-शिष्य परंपरा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे ऋषियों ने ज्ञान को संजोकर उसे लिखित रूप में आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने की अद्वितीय परंपरा स्थापित की।
जब नागरिक पढ़ते हैं तभी देश आगे बढ़ता है
उन्होंने कहा कि नौ दिवसीय यह पुस्तक महोत्सव गोरखपुर और पूर्वी उत्तर प्रदेश के पुस्तकप्रेमियों के लिए ज्ञान का एक अनूठा अवसर होगा, जिसमें 200 से अधिक स्टॉलों के माध्यम से विविध विषयों की पुस्तकें उपलब्ध रहेंगी। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री अक्सर कहते हैं— ‘वेन सिटिजन, कंट्री लीड’ यानी जब नागरिक पढ़ते हैं तभी देश आगे बढ़ता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोरखपुर की धरती इसलिए भी विशेष महत्व रखती है क्योंकि बीते सौ वर्षों से गीता प्रेस यहां से भारत सहित पूरी दुनिया में सनातन धर्म की विचारधारा का प्रसार कर रहा है। उन्होंने प्रसिद्ध साहित्यकारों फिराक गोरखपुरी, मुंशी प्रेमचंद और प्रो. विश्वनाथ त्रिपाठी को स्मरण करते हुए हाल ही में दिवंगत हुए साहित्यकार श्रीराम दरस मिश्र को श्रद्धांजलि अर्पित की।










