ये हिंदुस्तान है, यहां नारी नहीं, खुद संविधान है- ADM के व्यवहार पर इकरा हसन की तीखी प्रतिक्रिया

Author Picture
By Saurabh SharmaPublished On: July 17, 2025

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन और वहां के एडीएम ई के बीच विवाद गहराता जा रहा है। यह विवाद 1 जुलाई का बताया जा रहा है जब एक महिला चेयरमैन की समस्या को लेकर इकरा हसन सहारनपुर कलेक्ट्रेट पहुंचीं। उन्होंने आरोप लगाया कि एडीएम ई का व्यवहार बेहद अभद्र और असम्मानजनक था, जो उन्हें काफी आपत्तिजनक लगा। इकरा हसन ने कहा कि वो एक महिला जनप्रतिनिधि की मदद के लिए गई थीं, लेकिन अधिकारी ने न केवल उस महिला से गलत व्यवहार किया बल्कि उनके कहने पर भी अपना रवैया नहीं बदला।

अखिलेश यादव का समर्थन, इकरा हसन ने दी तीखी प्रतिक्रिया

इस विवाद पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “जो सांसद का सम्मान नहीं करते, वो जनता का क्या करेंगे।” अखिलेश यादव की इस बात को इकरा हसन ने रिपोस्ट करते हुए लिखा, “जो कुर्सी से ताक़त का नशा कर बैठे, औरों की इज़्ज़त को धूल समझ बैठे. वो भूल गए हैं ये हिन्दुस्तान है, यहां नारी नहीं, खुद संविधान है।” इस पोस्ट के जरिए इकरा हसन ने न सिर्फ अपने मन की बात कही, बल्कि अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल भी खड़े किए।

महिला चेयरमैन की मदद के लिए पहुंची थीं सांसद

पूरा मामला उस वक्त शुरू हुआ जब छुटमलपुर की महिला चेयरमैन, जो काफी परेशान थीं, उन्होंने इकरा हसन से मदद की गुहार लगाई। इकरा हसन ने बताया कि वो उसी समय कलेक्ट्रेट के पास थीं, जब महिला ने अपनी परेशानी बताई। इसके बाद उन्होंने एडीएम ई से मिलने की कोशिश की, लेकिन उन्हें बताया गया कि वह लंच पर गए हैं। जब एडीएम ऑफिस लौटे तो इकरा हसन ने अपनी बात रखी, लेकिन अधिकारी ने पहले लिखित शिकायत मांगी और फिर भी उनका व्यवहार सही नहीं था। इकरा ने आरोप लगाया कि एडीएम ने महिला चेयरमैन से भी अभद्रता की।

सांसद ने की कार्रवाई की मांग, ट्रेनिंग की दी सलाह

इकरा हसन ने इस पूरे मामले की लिखित शिकायत प्रशासन को सौंप दी है। उन्होंने साफ कहा कि ऐसे अधिकारियों को दोबारा ट्रेनिंग दी जानी चाहिए ताकि उन्हें समझ आ सके कि जनप्रतिनिधियों, खासकर महिलाओं से कैसे बात की जाती है। सांसद ने यह भी कहा कि सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि आगे से कोई भी जनप्रतिनिधियों का अपमान न करे।