मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कभी पहचान के संकट के दौर से गुजरने वाला भारत आज दुनिया की बड़ी ताकत के रूप में एहसास करा रहा है। यह बदलाव लीडरशिप (नेतृत्व) की कार्यपद्धति से आया है। समर्थ और प्रभावी नेतृत्व वही होता है जो देश के प्रति दुनिया की धारणा बदलने का सामर्थ्य रखता हो। विगत 11 वर्षों से देश में ऐसी ही लीडरशिप देखने को मिल रही है।
सीएम योगी शनिवार को योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में सैमसंग इनोवेशन कैंपस द्वारा आयोजित प्रमाणपत्र वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और अन्य प्रौद्योगिकी संस्थानों के करीब 1300 छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से आठ विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि 2014 के पहले का भारत पहचान के संकट के दौर से गुजर रहा था। भ्रष्टाचार व्यवस्था पर हावी था। वैश्विक स्तर पर देश का सम्मान समाप्त हो रहा था। युवा पहचान को मोहताज हो रहे थे। पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में विकास और जनहित के अनेक कार्यक्रमों के क्रियान्वयन से वैश्विक स्तर पर भारत की मजबूत पहचान स्थापित करने में सफलता मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा पीएम स्टार्टअप, पीएम स्टैंडअप, डिजिटल इंडिया जैसे कार्यक्रमों ने भारत को न केवल नई पहचान दी है बल्कि देश को दुनिया की चौथी अर्थव्यवस्था बनाने में भी भरपूर योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि यह बदलाव अचानक नहीं हुआ बल्कि इसके लिए सरकार के स्तर पर अनेक प्रयास किए गए।
ईज ऑफ लिविंग बढ़ाने में सहायक हो सकती है तकनीकी
सीएम योगी ने आमजन के जीवन को सुगम बनाने के लिए युवाओं से इमर्जिंग टेक्नोलॉजी और नवाचार पर विशेष ध्यान देने का आह्वान किया। कहा कि ईज ऑफ लिविंग (जीवन सुगमता) बढ़ाने में तकनीकी काफी सहायक हो सकती है। आज तकनीकी के इस्तेमाल से ऐसे नवाचार जरूरी हैं जिससे जीवन को और भी सहज और सरल बनाया जा सके।
एनईपी को समयबद्ध ढंग से लागू करें शिक्षण संस्थान
मुख्यमंत्री ने देश के विकास और जीवन सुगमता के लिए तकनीकी के महत्व को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) -2020 में भी महत्व दिए जाने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि देश में और सकारात्मक बदलाव लाने में एनईपी बड़ी भूमिका का निर्वहन कर सकती है, बशर्ते सभी शिक्षण संस्थान इसे समयबद्ध ढंग से लागू करें। मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने एनईपी के उद्देश्यों के अनुरूप टाटा टेक्नोलॉजी के साथ 150 से अधिक आईटीआई से युवाओं को मॉडर्न वोकेशनल ट्रेनिंग से जोड़ने के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया है।
सिस्टम को कोसने की आदत से बचें, समस्या समाधान पर दें ध्यान
सीएम योगी अपने संबोधन में विद्यार्थियों के समक्ष एक अभिभावक और शिक्षक की भूमिका में नजर आए। उन्होंने कहा कि व्यवस्था या सिस्टम को कोसना हममें से अधिकतर लोगों की आदत बन गई है। ऐसे लोगों को हर कार्य में सिर्फ सरकार दोषी लगती है। ऐसे लोग किसी समस्या पर अपनी खामी दूर करने की बजाय सिर्फ दूसरों की खामियों को निकालने में लगे रहते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि समस्या असाध्य हो जाती है।
समाधान से मिलेगा सफलता का मार्ग
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी समस्या के समाधान का मार्ग ही सफलता दिलाता है। सफलता प्राप्त करने के दो ही मार्ग हैं, एक, समाधान के लिए पहल या फिर उससे पलायन। उन्होंने कहा कि सफलता के लिए समस्या के समाधान पर चर्चा करनी होगी। कोसने से समस्या का समाधान नहीं हो पाएगा बल्कि हम पलायन कर जाएंगे।
सुविधा और सुरक्षा के लिए हैं ट्रैफिक के नियम
सीएम योगी ने समस्या के समाधान से जुड़े अपने वक्तव्य को एक उदाहरण से स्पष्ट किया। कहा कि जाम की समस्या पर चर्चा तो सभी लोग करते हैं लेकिन उनमें से अधिकांश लोग ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन भी खुद ही करते हैं। ट्रैफिक के नियम सुविधा और सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं। यदि हम ट्रैफिक नियमों का पालन करें तो जाम नहीं लगेगा। कोई तो कारक होता ही है जाम लगने का। अक्सर देखा जाता है कि लोग मोटरसाइकिल चलाते समय हेलमेट या कार चलाते समय सीट बेल्ट का इस्तेमाल नहीं करते हैं। वाहन चलाते समय इयरफोन भी लगाए रहते हैं।
पर्यावरण समस्या पूरी दुनिया के लिए बड़ी चुनौती
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर्यावरण की समस्या के प्रति भी सबका ध्यान आकृष्ट कराया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पूरी दुनिया पर्यावरण समस्या से जुड़ी बड़ी चुनौती का सामना कर रही है। दिल्ली जैसा शहर गैस चैंबर बन गया है। वहां चिकित्सक श्वांस की समस्या से जुड़े लोगों को घर से बाहर न निकलने की सलाह दे रहे हैं। उन्होंने कहा इसका कोई तो कारण होगा। इसके लिए उन्होंने पराली जलाने की प्रवृत्ति की चर्चा करते हुए कहा कि सरकार की तरफ से पराली प्रबंधन के उपाय और इस संबंध में जागरूकता बढ़ाए जाने के बावजूद लोग पराली जलाते हैं। यह जानते हुए भी इससे निकलने वाली गैस भारी नुकसान पहुंचाएगी। इसी तरह से कई लोग अपने घर का कूड़ा सड़क और नाली में फेंक देते हैं।
वही व्यवस्था प्रगति करती है जिसे समाज लीड करता है
मुख्यमंत्री ने कहा कि दैनिक जीवन की कई समस्याओं के समाधान का मार्ग भी हमारे ही पास है। पुराने समय में गांव और कस्बों में मिलकर सफाई करने की व्यवस्था थी। कूड़े को खाद गड्ढे में डालकर कंपोस्ट बना दिया जाता था जो खेती के काम आता था। यह सारी व्यवस्था स्वतः स्फूर्त थी। सीएम योगी ने कहा कि वही व्यवस्था प्रगति करती है जिसे समाज लीड करता है। सरकार पर निर्भरता से समाज परावलम्बी होकर पिछड़ता नजर आता है।










